आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) बाजार में तेजी आने की संभावना है क्योंकि कंपनियों ने सेकंडरी बाजार में आए सुधार का लाभ उठाने के लिए अपनी सूचीबद्घता योजनाओं पर आगे बढऩा शुरू कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि करीब आधा दर्जन कंपनियां 10,000 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने के लिए अगले 4 से 6 सप्ताहों में आईपीओ लाने की संभावना तलाश रही हैं। इन कंपनियों में रेलटेल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, बर्गर किंग, बु्रकफील्ड रीट, होम फस्र्ट फाइनैंस और कल्याण ज्वैलर्स मुख्य रूप से शामिल हैं।
कई कंपनियां अपनी आईपीओ योजनाओं को फिर से आगे बढ़ाने को उत्सुक हैं, क्योंकि बाजार में आई तेजी ने उन्हें बाजार में आने के लिए प्रोत्साहित किया है। चीन की फोसुन फार्मा-नियंत्रित ग्लैंड फार्मा ने बुधवार को अपना 6,480 करोड़ रुपये का आईपीओ पूरा किया।
इस महीने सेंसेक्स महज आठ कारोबारी सत्रों में 10 प्रतिशत चढ़ा है। यह सूचकांक मार्च के निचले स्तरों से करीब 70 प्रतिशत चढ़ चुका है। इस महीने की तेजी को खासकर अमेरिकी चुनाव परिणाम और कोविड-19 टीके के लिए चिकित्सकीय परीक्षणों में हो रही प्रगति से मदद मिली। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने शेयरों में 20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया है।
अच्छे निवेश के साथ साथ अनुकूल मूल्यांकन से भी कंपनियों को मदद मिली है। साथ ही, ताजा कॉरपोरेट आय और जीएसटी संग्रह आंकड़ों में सुधार से भी बाजार धारणा मजबूत हुई है। आठ कंपनियों ने सितंबर 2020 में अपने आईपीओ पेश किए थे। हालांकि, अक्टूबर में आईपीओ लाने की रफ्तार धीमी रही, क्योंकि कंपनियों ने अमेरिका में चुनाव से पहले इंतजार करो और देखो की रणनीति पर अमल करना उचित समझा।
बैंकरों का कहना है कि इसकी आशंका थी कि अमेरिकी चुनाव के बाद बाजार किसी भी दिशा में जा सकते हैं। सेंट्रम कैपिटल के प्रबंध निदेशक राजेंद्र नाइक ने कहा, ‘भारतीय बाजार में ज्यादातर बदलाव अमेरिका में होने वाले घटनाक्रम से संबंधित होता है। इसलिए कंपनियां चुनाव संबंधित अनिश्चितताओं से परहेज करना चाहती हैं।’
