आईडीएफसी से बंधन में तब्दील होने तक की प्रक्रिया पूरी हो गई है। अब कौन से मुख्य क्षेत्रों पर आपका ध्यान रहेगा?
हमारे पास जो नया ब्रांड और शेयरधारिता है, उससे टीम को हमारे प्रयासों पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने में मदद मिल सकती है। हम उन विकास क्षेत्रों में ज्यादा निवेश के लिए शेयरधारकों से प्रतिबद्धता देख रहे हैं, जिनमें नए बाजारों तक विस्तार और मौजूदा में अपनी मौजूदगी बढ़ाना मुख्य रूप से शामिल है। इसके अलावा, वितरण और नए उत्पाद विचारों के लिए टेक्नोलॉजी और दक्षता पर ध्यान बढ़ाने की भी योजना है। हमने उन फंड प्रबंधकों और विश्लेषकों पर ज्यादा ध्यान देने की योजना बनाई है।
बंधन बैंक पहले से ही मजबूत नेटवर्क से संपन्न है। क्या बंधन एमएफ की प्रत्यक्ष रूप से पहुंच वाकई जरूरी थी?
बंधन बैंक अन्य बैंकिंग चैनलों की तरह वितरण के लिए एक मुख्य माध्यम है। एमएफ शाखाएं अभी भी स्थानीय बिक्री और सेवा के लिए महत्वपूर्ण बनी हुई हैं।
इक्विटी टीम के पास अब मनीष गुनवानी के रूप में नया प्रमुख है। क्या योजना के प्रदर्शन को मजबूत बनाने के लिए फंड प्रबंधन प्रक्रिया में कोई बदलाव किया गया है?
इक्विटी फंड प्रबंधन में, प्रक्रियाएं बेहद महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। हरेक बाजार उतार-चढ़ाव में सीखने को मिलता है। इस संदर्भ में मनीष की दक्षता और अनुभव महत्वपूर्ण है।
बाजार ने पिछले 18 महीने से कोई प्रतिफल नहीं दिया है। ऐसे में क्या इक्विटी फंडों में पूंजी आकर्षित करना कठिन हो गया है?
हालात वास्तव में विपरीत हैं। निवेशकों ने इक्विटी फंडों में लगातार ज्यादा पूंजी निवेश कर इस अवधि के दौरान अपने धैर्य का परिचय दिया है। ऐसा इससे पहले के उतार-चढ़ाव वाले बाजार दौर में देखने को नहीं मिले थे। यदि आप पिछले साल के एसआईपी आंकड़े पर नजर डालें तो पता चलता है कि मासिक संग्रह लगातार बढ़ा है। फरवरी में भी, जब बाजार में उतार-चढ़ाव था, निवेशकों ने इक्विटी फंडों में 15,700 करोड़ रुपये लगाए। निवेशकों ने इक्विटी फंडों को दीर्घावधि निवेश योजना के तौर पर देखना शुरू किया है।
प्रतिफल में सुधार के बावजूद डेट फंडों से लगातार निकासी देखी जा रही है। इनमें निवेश प्रवाह कब से शुरू होने के आसार हैं?
ऊंची मुद्रास्फीति और कम ब्याज दरों की वजह से कोविड-19 महामारी के बाद डेट फंडों से पूंजी निकासी हुई। दर वृद्धि की संभावना और उसके बाद होने वाले संभावित नुकसान से निवेशकों में आशंका बढ़ी है। इससे निवेशक डेट फंडों से दूर रहने के लिए बाध्य हुए हैं। अब बाजार में यह विश्वास बढ़ा है कि दर वृद्धि का दौर काफी हद तक पीछे छूट चुका है और निवेशक फिर से डेट में पैसा लगा सकते हैं।
वैकल्पिक निवेश फंडों (AIF) और पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवा (PMS) को लेकर आपकी क्या योजनाएं हैं?
हमारे पास इन दोनों के लिए लाइसेंस है। हम सिर्फ एक PMS रणनीति पर ध्यान देते हैं और आगामी वर्षों में कुछ और शामिल करने की योजना है। अन्य योजना गिफ्ट सिटी में मौजूदगी कायम करने की है जिससे हमें विदेशी निवेशकों को सेवाएं मुहैया कराने में मदद मिलेगी।