इक्विटी म्युचुअल फंडों (एमएफ) ने अगस्त में लगातार छठे महीने शुद्घ पूंजी प्रवाह आकर्षित किया, हालांकि पूर्ववर्ती महीने की तुलना में यह प्रवाह धीमा रहा। भारत में म्युचुअल फंडों के संगठन (एम्फी) के आंकड़े से पता चलता है कि अगस्त में इक्विटी-आधारित योजनाओं में 8,667 करोड़ रुपये का शुद्घ पूंजी प्रवाह दर्ज किया गया, जबकि जुलाई में यह 22,584 करोड़ रुपये था। तुलनात्मक तौर पर यह करीब 62 प्रतिशत की गिरावट है। उद्योग पर्यवेक्षकों का कहना है कि इक्विटी योजनाओं में पूंजी प्रवाह पिछले कुछछ महीनों के दौरान कुछ खास नई फंड पेशकशों (एनएफओ) में भारी निवेश की वजह से बढ़ गया था। एसआईपी के जरिये भी पूंजी प्रवाह से बाजार में ऊंचे मूल्यांकन पर कारोबार के बावजूद इक्विटी प्रवाह में स्थिरता आई है।
ऊंचे बाजार स्तरों को लेकर पैदा हुईं चिंताओं के बीच निवेशक अपना निवेश इक्विटी से निकाल कर हाइब्रिड श्रेणी में लगाने की संभावना देख रहे हैं। हाइब्रिड योजनाएं डेट और इक्विटी के समावेश में निवेश करती हैं।
व्हाइट ओक कैपिटल में मुख्य कार्याधिकारी आशिष सोमैया ने कहा, ‘इक्विटी श्रेणी के लिए शुद्घ प्रवाह में बड़ी कमी आई है और साथ ही बैलेंस्ड एडवांटेज श्रेणी में शुद्घ पूंजी प्रवाह तेजी से बढ़ा है। इससे यह भरोसा बढ़ा है कि संपूर्ण उद्योग स्तर पर बड़े बैलेंस्ड एडवांटेज एनएफओ ने इक्विटी से बैलेंस्ड एडवांटेज श्रेणी में निवेश जाने के संदर्भ में अच्छी लोकप्रियता हासिल की है।’
बैलेंस्ड एडवांटेज फंड, मल्टी ऐसेट एलोकेशन फंड और आर्बिट्राज फंड समेत हाइब्रिड योजनाओं ने 18,706 करोड़ रुपये का शुद्घ प्रवाह दर्ज किया। इस श्रेणी ने रिकॉर्ड प्रवाह दर्ज किया, क्योंकि एसबीआई बैलेंस्ड एडवांटेज फंड ने पिछले महीने अपने एनएफओ में 14,551 करोड़ रुपये जुटाए थे।
सोमैया ने कहा, ‘छोटे निवेशकों के नजरिये से, अल्पावधि में ऊंचे बाजार स्तरों और बैलेंस्ड एडवांडेज फंडडों की कम जोखिम अवधारणा को देखते हुए यह नकारात्मक घटनाक्रम नहीं हो सकता है।’ अगस्त में, सेंसेक्स और निफ्टी में 9.4 प्रतिशत और 8.7 प्रतिशत की तेजी आई थी। 11 इक्विटी श्रेणियों में से पांच ने अगस्त में शुद्घ निकासी दर्ज की थी, जिनमें मल्टीकैप, लार्जकैप, स्मॉलकैप, वैल्यू और इक्विटी लिंक्ड सेविंग योजनाएं (ईएलएसएस) शामिल थीं।