भारतीय इक्विटी बजारों में उतारचढ़ाव के कारण इक्विटी फंडों में निवेश घटा है। पिछले कुछ महीनों में इक्विटी फंडों में निवेश लगातार घटता हुआ नजर आया है क्योंकि उच्च मूल्यांकन के कारण एकमुश्त निवेश करने वाले निवेश से दूर हैं।
उद्योग निकाय एम्फी के आंकड़ों से पता चलता है कि इक्विटी फंडों ने अक्टूबर में 28,671.39 करोड़ रुपये जुटाए जबकि सितंबर में कुल 36,656.66 करोड़ रुपये का निवेश आया था। मौजूदा वित्त वर्ष में इक्विटी फंडों में औसत निवेश 30,817 करोड़ रुपये रहा है।
जुलाई से सितंबर के बीच हर महीने 30,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश इक्विटी फंडों में आता रहा है कक्योंकि निवेशकों ने न्यू फंड ऑफर (एनएफओ) के जरिए निवेश करना पसंद किया। मौजूदा वित्त वर्ष में जुलाई में सर्वाधिक 42,100 करोड़ रुपये का निवेश इक्विटी फंडों में हुआ क्योंकि इक्विटी एनएफओ ने उस महीने 13,709 करोड़ रुपये संग्रहित किए।
फंड उद्योग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, पिछले कुछ महीनों में निवेशक सिर्फ एनएफओ के जरिए आ रहे हैं। उद्योग निवेशकों को सिर्फ एनएफओ आक्रामकता से पेश कर रहा है और मेरा मानना है कि अगर भारतीय इक्विटी में तेज गिरावट आती है तो यह बड़ी चिंता का कारण हो सकता है। जुलाई से फंड हाउस ने इक्विटी फंडों के एनएफओ से 27,151 करोड़ रुपये जुटाए हैं। अगर हर श्रेणी की योजनाओं को जोड़ें तो पिछले चार महीने में यह रकम 57,000 करोड़ रुपये तक पहुंची है।
आईसीआईसीआई डायरेक्ट ने म्युचुअल फंड रीव्यू नोट में कहा है, पिछले कई महीनों से हम एकमुश्त निवेश न करने की सलाह दे रहे हैं क्योंकि विभिन्न क्षेत्रों व व्यापक बाजारों में खासी तेजी आ चुकी है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि मौजूदा उतारचढ़ाव में वे खरीद की रणनीति न अपनाएं।
पिछले एक महीने में सेंसेक्स का रिटर्न 3.33 फीसदी घटा है, वहीं एक हफ्ते में यह 2.02 फीसदी। इक्विटी फंडों में सकल निवेश में नरमी का असर भी अक्टूबर में शुद्ध निवेश पर पड़ा। इक्विटी फंडों में अक्टूबर के दौरान शुद्ध निवेश 5,214 करोड़ रुपये रहा जबकि सितंबर में यह 8,677 करोड़ ररुपये रहा था।
हालांकि एसआईपी के जरिए निवेश म्युचुअल फंड उद्योग के लिए सहजता प्रदान करने वाला रहा। मौजूदा वित्त वर्ष में एसआईपी के जरिए निवेश 66,793 करोड़ रुपये रहा है जबकि अक्टूबर व सितंबर में एसआईपी का मासिक योगदान 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा रहा।
