भारतीय बेंचमार्क इक्विटी सूचकांकों में तीन दिन से चली आ रहे तेजी पर शुक्रवार को विराम लग गया जब बॉन्ड में हुए ताजा उतारचढ़ाव ने इक्विटी बाजारों पर चोट पहुंचाई। बेहतर शुरुआत के बाद सूचकांकों में गिरावट आई, लेकिन इससे पहले कारोबार के आखिरी घंटे में उसने कुछ नुकसान की भरपाई कर ली।
बेंचमार्क सेंसेक्स 487 अंक यानी 0.95 फीसदी टूटकर 50,792 पर बंद हुआ। वहीं दूसरी ओर निफ्टी ने शुक्रवार को कारोबारी सत्र की समाप्ति 144 अंक यानी 0.95 फीसदी की गिरावट के साथ की और यह 15,031 पर बंद हुआ।
बॉन्ड का प्रतिफल बढऩे से अमेरिकी स्टॉक फ्यूचर को झटका लगा जब राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि देश का इरादा मई की शुरुआत से हर बालिग को टीका उपलब्ध कराने का है। इसके बाद बाइडन ने 4 जुलाई का नया लक्ष्य सामान्य स्थिति की ओर लौटने के लिए तय किया, जब अमेरिका स्वतंत्रता दिवस का समारोह आयोजित करेगा।
गुरुवार को बाइडन ने 1.9 लाख करोड़ डॉलर की अमेरिकी उद्धार योजना पर हस्ताक्षर किए, जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को खासी मजबूती मिलने की उम्मीद है।
पिछले कुछ हफ्तों में बॉन्ड बाजारों में इस चिंता के बीच काफी उतारचढ़ाव रहा है कि अमेरिका में आर्थिक सुधार से महंगाई बढ़ेगी। निवेशक चिंतित हैं कि अमेरिकी सरकार का राजकोषीय प्रोत्साहन और सामान्य स्थिति की ओर लौटने से अर्थव्यवस्था को तेजी से प्रोत्साहन मिल सकता है और इससे कीमतों में इजाफा हो सकता है।
महंगाई बॉन्ड के ब्याज भुगतान की वैल्यू में कमी लाता है। अमेरिका में बेरोजगारी का उम्मीद से कम दावा बॉन्ड प्रतिफल में इजाफे का एक अन्य कारण रहा। बॉन्ड प्रतिफल और शेयरों का सह-संबंध विपरीत होता है और बॉन्ड प्रतिफल में इजाफे से इक्विटी में गिरावट देखने को मिलती है।
10 वर्षीय अमेरिकी ट्रेजरी का प्रतिफल तेजी से बढ़ा और शुक्रवार को यह 1.6 फीसदी पर कारोबार कर रहा था और गुरुवार के 1.54 फीसदी के मुकाबले 13 महीने के उच्चस्तर को छू गया क्योंंकि निवेशकों ने प्रतिभूतियां बेचीं। बॉन्ड प्रतिफल में लगातार छठे हफ्ते तेजी देखने को मिली।
रिलायंस सिक्योरिटीज के रणनीति प्रमुख विनोद मोदी ने कहा, बॉन्ड प्रतिफल में मजबूती और तेल की बढ़ती कीमतें निवेशकों की अवधारणा पर असर डाल सकते हैं और अल्पावधि से मध्यम अवधि में बाजार में उतारचढ़ाव बना रह सकता है। बॉन्ड प्रतिफल में इजाफा अर्थव्यवस्था में तेज बढ़त की संभावना को कमतर कर रहे हैं। हमारी राय में बॉन्ड प्रतिफल एक सीमा से शायद ही ऊपर जा सकता है।
विश्लेषकों ने कहा कि निवेशक अब अगले हफ्ते होने वाली फेडरल रिजर्व की घोषणा पर ध्यान केंद्रित करेंगे और उनकी नजर भारत के आर्थिक आंकड़ों पर भी होगी।
कुल मिलाकर 243 शेयरों ने 52 हफ्ते के उच्चस्तर को छू लिया जबकि 355 में अपर सर्किट लगा।
सेंसेक्स में शामिल शेयरों में बजाज ऑटो का प्रदर्शन सबसे खराब रहा और उसमें 3.1 फीसदी की गिरावट आई। मारुति सुजूकी व आईसीआईसीआई बैंक क्रमश: 2.4 फीसदी व 2.06 फीसदी टूटा।
