मार्च के निचले स्तर से 70 फीसदी सुधरने के बाद भारत का मूल्यांकन अब लंबी अवधि के औसत से ऊपर है। विदेशी ब्रोकरेज यूबीएस ने एशियाई बाजारों की रैकिंग इस आधार पर की है कि 10 साल के औसत के मुकाबले उनका 12 महीने का फॉरवर्ड पीई अनुपात कैसा रहा। इस अध्ययन से पता चलता है कि मलेशिया, हॉन्ग कॉन्ग और इंडोनेशिया अभी अपने लंबी अवधि के औसत से नीचे कारोबार कर रहे हैं, जो उन्हें एशियाई क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने वाले निवेशकों के लिए कम आकर्षक बनाता है। दूसरी ओर, अगर हम औसत के मुकाबले पीई अनुपात पर नजर डालें तो चीन, भारत और थाइलैंड सबसे महंगे हैं। निफ्टी अभी अपनी 12 महीने की अनुमानित फॉरवर्ड अर्निंग के 21.4 गुने पर कारोबार कर रहा है। इंडेक्स का 10 साल का औसत करीब 17 गुना है। यूबीएस ने एक नोट में कहा है, बढ़त व आय में हालांकि साल 2021 में सुधार होगा, लेकिन हालिया प्रदर्शन ने आसियान के उलट मूल्यांकन को कम आकर्षक बना दिया है। ब्रोकरेज ने भारत को तटस्थ रेटिंग दी है। ब्रोकरेज ने कहा कि तेल की बढ़ती कीमतें, म्युचुअल फंडों से निकासी और राजकोषीय नीति अगले साल के लिए अहम जोखिम हो सकते हैं। साथ ही सुधार पर प्रगति और बजट में घोषित राजकोषीय घाटे के आंकड़े बाजार पर असर डालेंगे। दक्षिण कोरिया, जापान और सिंगापुर पर यूबीएस ओवरवेट है जबकि चीन व ताइवान पर अंडरवेट।
