देसी ब्रोकरेज फर्मों ने चुनाव नतीजे से पहले क्लाइंटों को अमेरिकी शेयर बाजार में दांव लगाते हुए पाया है। हाल के महीने में कई ब्रोकरेज फर्मों ने क्लाइंटों को विदेशी शेयर बाजार तक पहुंच उपलब्ध कराने के लिए गठजोड़ की घोषणा की थी ताकि बढ़ती निवेश गतिविधियों में मदद दी जा सके जबकि इस हफ्ते नतीजे आने से पहले उतारचढ़ाव में बढ़ोतरी देखी गई।
ब्रोकरेज फर्म 5पैसा कैपिटल के मुख्य कार्याधिकारी प्रकाश गगडानी ने कहा, कई युवा ग्राहक तकनीकी फर्मों में निवेश करना चाहते हैं, जिनसे वे परिचित हैं लेकिन भारत में निवेश की सुविधा उपलब्ध नही है। फेसबुक और ट्विटर जैसी कंपनियां अमेरिका में सूचीबद्ध हैं।
उन्होंने कहा, हमने पिछले दो महीने से ग्राहकों को अमेरिकी इक्विटी में निवेश की पेशकश शून्य कमीशन के साथ शुरू की है और हमने यह काम वेस्टेड संग साझेदारी में किया है। इसके प्रति खासा लगाव देखने को मिला है। हमने लगातार मांग देखी है और नए ग्राहक अमेरिकी बाजारों में निवेश के बारे में पूछताछ कर रहे हैं।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैशियल सर्विसेज के प्रमुख (ऑनलाइन कारोबार) अरुण चौधरी ने कहा, चुनाव के दौरान आम तौर पर होने वाले उतारचढ़ाव के दौरान अल्पावधि के संभावित उतारचढ़ाव के देखते हुए हमने दिलचस्पी मेंं इजाफा देखा है। चुनाव की तारीख के ऐलान के दौरान अमेरिकी बाजार में भारतीयों की तरफ से निवेश में 20-25 फीसदी की बढ़ोतरी देखी है। ये चीजें होने वाली पूछताछ की संख्या और विदेश पैसा भेजने की संख्या के तौर पर स्पष्ट हुई है।
शिकागो बोर्ड ऑप्शंस एक्सचेंज वोलैटिलिटी इंडेक्स समान्य से ऊपर यानी 30 से ऊपर है जबकि वोटों की गिनती हो चुकी है। यह इंडेक्स इसकी माप करता है कि शेयर बाजार कितनी तेजी से आगे बढ़ सकता है।
चौधरी ने कहा, हमारी सालह यह रहती है कि बाजार में निवेश के लिए लंबी अवधि का नजरिया रखें। अमेरिकी बाजार पर नजर डालने वाले ट्रेडिंग नहीं कर रहे बल्कि वे निवेश कर रहे हैं। ऐसे में उतारचढ़ाव वाले ऐसे समय में बेहतर है धैर्य बनाए रखना।
मौजूदा वित्त वर्ष की शुरुआत विदेशी डेट व इक्विटी में ज्यादा निवेश के साथ हुई और यह 2016 के अमेरिकी चुनाव के मुकाबले ज्यादा रहा। यह जानकारी आरबीआई के आंकड़ों से मिली। साल की शुरुआत मेंं यह 43,14 करोड़ डॉलर था, जो मार्च 2016 में 31.79 करोड़ डॉलर रहा था। यह बढ़ोतरी अचल संपत्ति में निवेश के उलट है। यह इस अवधि में 9.08 करोड़ डॉलर से घटकर 8.64 करोड़ डॉलर रह गया।
कुछ और ब्रोकरेज फर्मों ने विदेशी ट्रेडिंग का विकल्प सामने रखने की इच्छा जताई है। निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक ने अपनी ब्रोकरेज इकाई आईसीआईसीआई डायरेक्ट के जरिये इसकी पेशकश अगस्त में की। ऐक्सिस सिक्योरिटीज ने भी ऐसी ही घोषणा की थी। दोनों ने अपने क्लाइंटों के यह सुविधा देने के लिए प्लेटफॉर्म से साझेदारी की है। जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज ने भी अक्टूबर के आखिर में ऐसी ही घोषणा की है।
जेफरीज के 2 नवंबर के नोट में कहा गया है, दिलचस्प रूप से पिछले महीने अमेरिका व अमेरिकी शेयर बाजारों ने उभरते बाजारों के मुकाबले और जापान को छोड़कर एशियाई देशों के समूह के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन किया है। जेफरीज के मुताबिक, अमेरिका समेत दुनिया भर में तेजी की शुरुआत हो चुकी है।
