facebookmetapixel
Bihar Election Result: 95% स्ट्राइक रेट के सहारे बिहार में NDA की प्रचंड जीत, महागठबंधन का मजबूत मोर्चे ढहाबिहार में NDA की धमाकेदार जीत के बाद बोले PM मोदी: नई MY फॉर्मूला ने पुरानी को मिटा दियाBihar Election Result: कैसे महिला वोटरों ने अपने दम पर बिहार में NDA की बंपर जीत सुनिश्चित की?PM Kisan 21st installment: आ गई 21वीं किस्त जारी करने की तारीख, इस दिन किसानों के खाते में गिरेगा पैसा‘राज्य के सभी मतदाताओं को मेरा नमन’, जीत के बाद बोले नीतीश: सबके सहयोग से बिहार और आगे बढ़ेगादिल्ली ट्रैफिक अलर्ट! VVIP मूवमेंट से आज कई मार्गों पर डायवर्जन, पीएम मोदी के भाजपा मुख्यालय जाने की संभावनामहंगे IPO में बढ़ते रिस्क पर एक्सपर्ट्स की चेतावनी: निवेशक वैल्यूएशन समझकर ही लगाएं पैसाBihar Election Results: प्रशांत किशोर की बड़ी हार! जन सुराज के दावे फेल, रणनीति पर उठे सवालBihar Results: कैसे हर चुनाव में नीतीश कुमार ने अपनी राजनीतिक रणनीति को जरूरत के हिसाब से बदला?ED के समन पर पेश नहीं हुए अनिल अंबानी, बढ़ सकती है मुश्किलें! एजेंसी ने नया नोटिस जारी किया

भारत फोर्ज:मंदी की मार

Last Updated- December 08, 2022 | 8:00 AM IST

अमेरिका में तीन बड़ी कार कंपनियां दिवालिया होने की स्थिति में पहुंच गई हैं जबकि वहां की अर्थव्यवस्था पहले ही मंदी की चपेट में आती जा रही है।


इस स्थिति में कार की बिक्री प्रभावित हो रही है। हालांकि यूरोपीय बाजार की स्थिति इनती खराब नहीं है। हालांकि वहां के सबसे अच्छे बाजारों में भी बिक्री जोर नहीं पकड़ रही। वैश्विक बाजारों में इस तरह कमजोर पड़ी मांग के चलते भारत फोर्ज जैसी वाहन कलपुर्जे बनाने वाली कंपनियों के लिए मुश्किलों का पहाड़ ही टूट पड़ा है ।

क्योंकि उसके ग्राहकों में इन दोनों बाजारों के अग्रणी वाहन पुर्जा निर्माता शामिल हैं। उसे मिलने वाले राजस्व का 65 फीसदी इन देशों के वास्तविक कंपोनेंट विनिर्माताओं को आपूर्ति करने के जरिए आता है।

उसके लिए अगर यह झटका काफी नहीं था तो घरेलू ऑटो बाजार भी नीचे जा रहा है। पुणे स्थित इस कंपनी को राजस्व का 70 फीसदी हिस्सा इसी क्षेत्र को होने वाली सप्लाई के जरिए आता है।

देश के व्यावसायिक वाहन निर्माता अक्टूबर और नवंबर में बिक्री वॉल्यूम में हुए मामूली इजाफे के बाद अपना उत्पादन घटा चुके हैं।

इन हालातों के आधार पर कहा जा सकता है कि भले ही 4,752 करोड़ रुपये की इस कंपनी के लिए वित्तीय वर्ष 2008-09 की पहली छमाही अच्छी रही हो लेकिन दूसरी छमाही में उसे संघर्ष करने पर मजबूर होना पड़ सकता है।

हालांकि कंपनी ने अपने मॉडल को जोखिम से मुक्त बनाने के लिए प्रयास कई सालों पहले ही शुरु कर दिया था। इसके बाद भी उसके राजस्व में गैर-ऑटो कंपोनेंट की हिस्सेदारी महज 16 फीसदी ही है।

कंपनी के बारामती और मुंधावा स्थित प्लांट जो मेरिन एप्लिकेशन और एनर्जी पार्ट बनाते हैं अभी अपनी पूरी क्षमता से उत्पादन करने की स्थिति में नहीं आ पाए हैं।

इसलिए भारत फोर्ज के राजस्व में नान-ऑटो पार्टस कोई अर्थपूर्ण योगदान देने की स्थिति में नहीं है। वर्ष 2008-09 की पहली छमाही में कंपनी के कंसोलिडेट राजस्व में 26 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।

इसके बाद भी राष्ट्रीय विदेशी मुद्रा विनिमय में हुए नुकसान के चलते उसका शुध्द मुनाफा महज 81 करोड़ रुपये ही था।

जारी वर्ष में कंपनी के राजस्व में 2007-08 में दर्ज किए गए 4,752 करोड़ रुपये के राजस्व के स्तर में महज आठ फीसदी की बढ़ोतरी की ही उम्मीद है, वहीं इसका मुनाफा 301 करोड़ के आसपास अपरिवर्तित रहने की उम्मीद है।

कंपनी के शेयर ने बाजार की तुलना में कमजोर प्रदर्शन किया है। कंपनी के आउटस्टैंडिंग विदेशी मुद्रा कंवर्टिबल बांड 6 करोड़ डॉलर के थे ।

जो उसे 336 रुपये की स्ट्राइक प्राइस और 384 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से अप्रैल 2010 में कन्वर्ट किया जाना है। इसके साथ ही कंपनी राइट इश्यू लाने की स्थिति में नहीं है।

First Published - December 8, 2008 | 9:31 PM IST

संबंधित पोस्ट