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बड़े सौदों पर आयकर विभाग की नजर

Last Updated- December 08, 2022 | 7:05 AM IST

अगर आप कोई बड़ा सौदा कर रहे हैं तो फिर सतर्क हो जाए, हो सकता है कि आयकर विभाग की नजर आप पर हो।


उदाहरण केतौर पर जब प्रियंका झमनानी (नाम बदला हुआ) ने अपनी एक दोस्त केलिए 1.25 लाख रुपये में हवाई यात्रा का टिकट खरीदा तो उनको कतई एससास नहीं था कि उनकी मुसीबतें शुरू होने जा रही है। आयकर विभाग ने इस खरीद के बाद उनकेहाथ में नोटिस थमा दिया।

इसके ठीक छह महीने बाद आयकर विभाग ने झमनानी को खरीदारी का ब्योरा देने के लिए सम्मन जारी कर दिया। बात यहीं खत्म हो जाती तो कुछ और बात होती लेकिन इसके बाद विभाग ने उन्हें एक अधिकारी से मिल कर अपने फंड के स्त्रोत का ब्योरा देने को कहा।

आयकर विभाग ने यह सख्त कदम कर चोरी करनेवालों या फिर समय पर अपने कर का भुगतान न कर पाने वालों की नकेल कसने के लिए उठाया है।

इस बारे में एक टैक्स कंसल्टेंसी फर्म आरएसएम एस्टयूट फर्म के कार्यकारी निदेशक के एच विश्वनाथन ने कहा कि कर चोरी करनेवाले और मनी लांडरिंग वालों को रंगे हाथ पकड़ने केलिए आयकर विभाग ने बड़े सौदे करनेवालों की एक सूची तैयार की है। इन ग्राहकों को इन खर्चों का स्पष्टीकरण देने केलिए नोटिस भेजे जा रहे हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि सामान्य तौर पर आयकर विभाग उन लागों का नोटिस भेजता है जो अपने के्र डिट कार्ड केजरिये सालाना 2 लाख रुपये तक का परिचालन करते हैं।

के्रडिट कार्ड कंपनियों, बैंक, म्युचुअल फंड और शेयर और एवं डिबेंचर जारी करने वाली कंपनियों को बड़े सौदों के बारे में जानकारी देने पड़ती है।

इसका क्रियान्वयन सालाना सूचना रिपोर्ट केजरिए किया जाता है। आयकर विभाग द्वारा सालाना जो कुछ बड़े सौदों का पता लगाया जाता है,

उनमें 30 लाख रुपये या उससे ज्यादा की संपत्ति खरीद, बचत खाते में दस लाख रुपये से ज्यादा की रकम, 5 लाख रुपये से ज्यादा की बांड खरीद, म्युचुअल फंड में 2 लाख रुपये से ज्यादा का निवेश, किसी एक कंपनी में 1 लाख रुपये से ज्यादा से शेयर की खरीद, उपभोक्ता वस्तुओं, मसलन प्लाज्मा टीवी की खरीद आदि।

अगर आप ने ऐसे कोई भी बड़ा सौदा किया है तो आपको अपने कागजात केसाथ तैयार रहने की जरूरत है। कर विशेषज्ञ कनु दोषी के अनुसार अगर आयकर विभाग आपको किसी सौदे के बारे में स्पष्टीकरण के लिए बुलाता है तो उस स्थिति में निश्चित तौर पर आपकेपास आय संबंधी कागजात  होने चाहिए।

इसके अलावा अंतिम वित्त वर्ष में कर के भुगतान संबंधी कागजात भी आपके पास होना जरूरी है। उदाहरण के लिए अगर आयकर विभाग से आपकेद्वारा 30 लाख रुपये मूल्य की फ्लैट खरीद केबारे में ब्योरा मांगता है तो उस हालात में बैंक के कागजात और ऋण संबंधी कागजात का होना निहायत जरूरी है।

विश्वनाथन का कहना है कि बड़े सौदों केलिए भुगतान करते समय चेक या डेबिट कार्ड से भुगतान करना चाहिए जिससे भुगतान केजरिए का पता आसानी से चलता है।

इसके अलावा आपने अगर खरीदारी के लिए अपने दोस्त या किसी रिश्तेदार से पैसे उधार लिए हैं तो यह ऋण आपको चेक के रूप में लेना चाहिए क्योंकि इससे किसी भी तरह के संदेह को दूर करने में मदद मिलती है, वरना आप फंस सकते हैं।

First Published - December 4, 2008 | 9:07 PM IST

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