आईआईएफएल फाइनैंस का शेयर बीएसई में शुक्रवार के कारोबारी सत्र में 13 फीसदी तक उछल गया और अंत में 7.57 फीसदी की बढ़त के साथ 353.90 रुपये पर बंद हुआ।
गुरुवार देर शाम आईआईएफएल ने ऐलान किया था कि उसकी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक आईआईएफएल होम फाइनैंस ने 20 फीसदी हिस्सेदारी के बदले 2,200 करोड़ रुपये जुटाने के लिए अबु धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (एआईडीए) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक संग करार किया है। यह सौदा नियामकीय मंजूरी पर निर्भर करेगा।
मौजूदा वित्त वर्ष में हाउसिंग फाइनैंस के क्षेत्र में अबु धाबी इन्वेस्टमेंट का यह दूसरा निवेश है। पिछले महीने उसने एचडीएफसी कैपिटल एडवाइजर्स लिमिटेड की 10 फीसदी हिस्सेदारी की 184 करोड़ रुपये में खरीद पूरी की है।
आईआईएफएल-एचएफसी, बीएसई में सूचीबद्ध आईआईएफएल फाइनैंस की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक है, जिसकी प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां 31 मार्च, 2022 को 23,617 करोड़ रुपये की थी। आईआईएफएल अतिरिक्त पूंजी का इस्तेमाल नए बाजारों में विस्तार पर करेगी ताकि हाउसिंग लोन की बढ़ती मांग को पूरा कर सके।
एआईडीए के कार्यकारी निदेशक (प्राइवेट इक्विटीज) एच. शाहवान अलधाहेरी ने कहा, आईआईएफएल होम फाइनैंस पहले ही खुद को देशकी अग्रणी तकनीकी सक्षम मॉर्गेज लेनदार के तौर पर स्थापित कर चुकी है। इस निवेश से कंपनी को बढ़त के अगले चरण में सहारा मिलेगा क्योंकि वह देश में अफोर्डेबल हाउसिंग फाइनैंस समेत हर तरह के आवास ऋण की अच्छी खासी मांग पूरी करती है।
आईआईएफएल फाइनैंस की सहायक छोटे आवास ऋण, संपत्ति के बदले कर्ज और कंस्ट्रक्शन फाइनैंस उपलब्ध कराती है। साथ ही वह ग्रीन अफोर्डेबल बिल्डिंग को भी सक्रियता से सहारा देती है और 16 राज्यों व दो केंद्र शासित प्रदेशों में उसके 1.68 लाख से ज्यादा ग्राहक हैं और 3,200 कर्मचारियों के साथ 200 से ज्यादा शाखाएं हैं।
भारत में अफोर्डेबल हाउसिंग फाइनैंस का बाजार अभी 150 अरब डॉलर का है और अगले दशक तक उसमें तेजी से बढ़ोतरी की संभावना जताई गई है।
इस क्षेत्र में कई कंपनियां लाभ हासिल करने के लिए उभरी हैं, जहां बैंकों की सीमित मौजूदगी है।
