सरकार ने हाल ही में बीमा बिल को मंजूरी दे दी है।
इस बिल में अन्य बातों के अतिरिक्त बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 26 फीसदी से बढ़ाकर 49 फीसदी करने की बात भी शामिल है।
उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के अनुसार इससे इस क्षेत्र को 7,000 करोड़ रुपये मिल सकते हैं। हालांकि अभी इस बिल को संसद में पेश किया जाना शेष है।
वर्तमान में बीमा क्षेत्र में कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 2,500 करोड़ रुपये केकरीब है। इस एफडीआई से इस क्षेत्र में तीन लाख नई नौकरियों का सृजन होगा।
क्योंकि कंपनियां इस सारे अतिरिक्त फंड का उपयोग अपनी विस्तार की योजनाओं में करेंगी।
उद्योग जगत केप्रतिनिधियों केअनुसार इस क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा को बढ़ाए जाने से विदेशी पार्टनरों को अपने संयुक्त उपक्रम में और धन निवेश करने में मदद मिलेगी।
साथ ही विदेशी निवेशकों को उस स्केल पर कारोबार करने की आजादी मिलेगी जिस पर बंदिशें नहीं हैं।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस के कार्यकारी निदेशक एनएस कन्णन ने बताया कि यह देखते हुए कि लाइफ इंश्योरेंस एक कैपिटल इंटेंसिव इंडस्ट्रीज है। यह कदम एक समयावधि बीमा कंपनियों के लिए विदेशी पूंजी सुलभ कराएगा।
एक अन्य बीमा कंपनी मैक्स न्यूयार्क लाइफ इंश्यारेंस जिसने हाल ही इस संयुक्त उपक्रम में 350 करोड़ रुपये लगाए हैं, का कहना है कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाए जाने का बीमा उद्योग ने स्वागत किया है।
मैक्स न्यूयार्क लाइफ के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजेश सुद ने बताया कि इस संयुक्त उपक्रम की हिस्सेदारी की पुनर्संरचना के बारे में निर्णय दोनों पार्टनर परस्पर सहमति से लेंगे।