जनवरी में 21,000 के स्तर को छूने वाला बाजार आज 10,000 अंकों के नीचे गिर चुका है।
कुछ विश्लेषक बाजार के स्थायित्व को लेकर शंकाएं जता रहे हैं, वहीं कुछ मान रहे हैं कि यह निवेश करने का सही समय है। हालांकि इन्हीं निवेशकों ने कुछ समय पहले निवेशकों को ब्लूचिप कंपनियों में निवेश के प्रति आगाह किया था।
उनका कहना था कि इन कंपनियों में किया निवेश कम से कम तीन साल के लिए दान समझकर भूल जाना चाहिए तो इस तरह की खराब स्थिति में निवेशक को करना क्या चाहिए।
यह हमेशा देखा गया है कि कुछ अनुभवी निवेशक इस तरह की अस्थिरता की स्थिति में ब्लू चिप कंपनियों में निवेश करने की सलाह देते हैं जो नियमित रूप से लाभांश देती हों।
आखिर उनके नियमित रूप से लाभांश देने वाली कंपनियों को तवज्जो देने की वजह क्या है? आखिर जब कंपनियां लाभांश देती हैं तो उसमें उनके लिए खुश होने वाली बात क्या है? निवेशकों केलिए यह एक रिवार्ड की ही तरह होता है जो उन्हें कंपनी में निवेश करने के एवज में मिलता है।
यह रिवार्ड निवेशक नियमित रूप से पाना चाहता है। कंपनियां यह लाभांश अंतरिम और तिमाही दो रूपों में देती है। अंतरिम लाभांश अधिकांशत: त्रैमासिक आधार पर घोषित किया जाता है।
हालांकि अंतिम लाभांश साल के अंत में उस समय घोषित किया जाता है जब कंपनी कमाई और लाभांश देने की क्षमताओं की गणना कर लेती है।
स्थायी आय कुछ कारणों में से एक है जिसके चलते लाभांश की अहमियत और बढ़ जाती है। अनुभवी निवेशकों की संकट के समय आमतौर पर एक समान मान्यता होती है। जो कंपनियां स्थायी रूप से लाभांश देती हैं वे निवेशक के लिए लंबी अवधि में स्थायी आय का मार्ग प्रशस्त करती हैं।
एक निवेशक माथुर कहते हैं जो कंपनी नियमित लाभांश देती है, उसके फंडामेंटल सही होते हैं। एक अन्य निवेशक कहते हैं कि मुझे मेरे निवेश का रिटर्न मिलना चाहिए।
एक और निवेशक कहते हैं कि अगर में लाभांश देने वाली ब्लू चिप कंपनियों के शेयर उस कंपनी के लाभांश की घोषणा किए जाने से पहले खरीदता हूं तो मुझे इस स्थिति में दोहरा फायदा होगा।