हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (एचएएल) का शेयर उन खबरों के बाद से 52 सप्ताह की नई ऊंचाई पर पहुंच गया है, जिनमें कहा गया था कि एयरोस्पेस दिग्गज ने इंजनों की आपूर्ति के लिए जीई एविएशन के साथ 71.6 करोड़ डॉलर का सौदा किया है। इसके अलावा, एफऐंडओ सेगमेंट में इस शेयर को शामिल किए जाने से भी तेजी को बल मिला है। शुक्रवार को, एचएएल का शेयर दिन के कारोबार में 1,398. रुपये की नई एक वर्षीय ऊंचाई पर पहुंच गया था, हालांकि बाद में यह पूर्ववर्ती दिन के मुकाबले 7.2 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,381.19 रुपये पर बंद हुआ। दिन के कारोबार के आधार पर यह सर्वाधिक ऊंचा स्तर था।
एचएएल सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है। कंपनी एयरक्राफ्ट हेलीकॉप्टरों, एयरो-इंजनों, एवियोनिक्स एक्सेसरीज और एयरोस्पेस स्ट्रक्चर्स के डिजाइन, विकास, निर्माण, मरम्मत और अपग्रेडिंग में लगी हुई है। एचएएल दुनिया में 34वीं सबसे बड़ी एयरोस्पेस कंपनी है।
पिछले सात कारोबारी दिनों में, एचएएल का बाजार भाव 29 प्रतिशत बढ़ा है। कंपनी द्वारा भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के लिए 83 एलसीए तेजस निर्माण के लिए 99 इंजनों की खरीद के संदर्भ में जीई एविएशन के साथ 71.6 करोड़ डॉलर का सौदा किए जाने के बाद इस शेयर में अच्छी तेजी आई है। इसके अलावा एचएएल का शेयर अब एनएसई पर डेरिवटिव सेगमेंट (वायदा एवं विकल्प अनुबंध) में भी शामिल हो गया है।
हालांकि कंपनी ने जीई सौदे के बारे में 20 अगस्त को एक्सचेंजों को जानकारी दी, लेकिन उससे पहले 3 फरवरी को ही कंपनी ने एक्सचेंजों को इससे अवगत करा दिया था कि सरकार ने कंपनी से 73 स्वदेशी एलसीए तेजस एमके-1ए लड़ाकू विमान और 10 एलसीए तेजस एमके-1 ट्रेजर विमान खरीद के लिए करीब 48,000 करोड़ रुपये (करीब 7,000 करोड़ रुपये के कर एवं शुल्कों और 2,300 करोड़ रुपये की डिजाइन एवं विकास लाग समेत) के सौदे को औपचारिक तौर पर स्वीकृति दे दी थी।
कंपनी को मिले 83 हल्के लड़ाकू विमानों के ऑर्डर ने उसकी ऑर्डर बुक को 31 मार्च 2021 को 80,639 करोड़ रुपये पर पहुंचाने में मदद की थी। बहरहाल, ताजा घटनाक्रम से यह संकेत मिलता है कि कंपनी ने सौदे के क्रियान्वयन की दिशा में अपने कदम बढ़ा दिए हैं। विश्लेषकों का मानना है कि भविष्य में कंपनी को एलयूएच, एलसीएच, सुखोई-30, एचटीटी-40 से संबंधित नए ऑर्डर मिलने की भी प्रबल संभावना है।
देश के भीतर वैमानिकी एवं रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में आने वाली मांग मुख्य रूप से रक्षा क्षेत्र से ही संबंधित होती है। भारत सरकार की रक्षा परियोजनाएं, नीतियां एवं फंडिंग का वैमानिकी एवं रक्षा उद्योग की वृद्धि में बहुत अहम भूमिका होती है। इस तरह रक्षा क्षेत्र से जुड़े विनिर्माण में निर्भरता होने से हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की भूमिका भी बहुत अहम हो जाती है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के विश्लेषकों ने गत 16 अगस्त को एचएएल के शेयरों की खरीद का सुझाव देते हुए 2,618 रुपये का लक्षित भाव रखा था। उनका कहना था कि एचएएल के चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के आंकड़े कोविड महामारी की दूसरी लहर में क्रियान्वयन बाधित होने से प्रभावित हुए थे।
इसके राजस्व में एक साल पहले की तुलना में 7 फीसदी की गिरावट आई थी जबकि एबिटा आय में 29 फीसदी की बड़ी गिरावट दर्ज की गई। इसके बावजूद विश्लेषकों ने कहा कि कंपनी की ऑर्डर बुक को देखते हुए वर्ष 2021-22 में इसके प्रदर्शन पर किसी तरह का जोखिम नहीं दिखाई देता है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक अभिजीत मित्रा ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि एलसीए विमानों की आपूर्ति मार्च 2024 से होने लगेगी जिससे एचएएल की वृद्धि दो अंकों में पहुंच जाएगी।