सोने में निवेश का एक अपना अलग ही अंदाज है चाहे यह निवेश गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में हो या फिर ऐसे फंड में जो गोल्ड माइनिंग कंपनियों में निवेश करते हैं। इन सभी में निवेश करनिवेशकों ने बेहतर मुनाफा कमाया है।
एक ओर गोल्ड ईटीएफ ने जहां पिछले तीन महीनों में अभी तक का सबसे ज्यादा रिटर्न दिया है वहीं ऐसी म्युचुअल फंड योजनाएं जो गोल्ड माइनिंग कंपनियों में निवेश करती हैं, ने गोल्ड ईटीएफ की तुलना में दोगुना रिटर्न दिया है।
सोने की कीमतों में आई तेज उछाल और लागत खर्च में कमी से दो फंडों डीएसपी ब्लैक रॉक वर्ल्ड गोल्ड और एआईजी वर्ल्ड गोल्ड को सबसे ज्यादा फायदा पहुंचा है जिसने पिछले तीन महीनों में क्रमश: 78.19 और 74.79 फीसदी का रिटर्न दिया है।
हालांकि इतने जबरदस्त प्रदर्शन करने के बाद भी निवेश सलाहकार इन फंडों में पोर्टफोलियो के 5 फीसदी से ज्यादा के निवेश की सलाह नहीं देते हैं।
इस बाबत घाला ऐंड भंसाली सिक्योरिटीज के निदेशक मुकेश देढ़िया का कहना है कि इन दोनों फंडों द्वारा ज्यादा रिटर्न देने की वजह सोने की कीमतों में आई जबरदस्त तेजी है जो तुलनात्मक रूप में काफी अनिश्चितता वाले होते हैं।
उल्लेखनीय है कि सोने की कीमतों में बढ़ोतरी होने का सीधा मतलब यह निकलता है कि सोने की मांगों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इस वजह से विश्व में गोल्ड माइनिंग कंपनियों के शेयरो में काफी तेजी आई है। लेकिन जैसे ही सोने की कीमतों में गिरावट आएगी वैसी ही इन कंपनियों के शेयर भी तेजी से लुढ़केंगे।
इस बारे में एक फंड प्रबंधक ने कहा कि कमोडिटी की कीमतों में तेजी आती है तो उस हालात में गोल्ड माइनिंग कंपनियों के शेयरों की कीमतों में सोने की कीमतों से दोगुना ज्यादा तेजी आती है। फिलहाल देश में ऐसी मात्र दो योजनाएं हैं जो विश्व स्तर पर गोल्ड माइनिंग कंपनियों के शेयरों में निवेश करती हैं।
ये दोनों फंड अपने कॉर्पस को अंतरराष्ट्रीय फंड में डाल देते हैं जो बदले में इक्विटी में निवेश करते हैं। डीएसपीबीआर वर्ल्ड गोल्ड लक्जमबर्ग स्थित ब्लैक रॉक ग्लोबल फंड्स-गोल्ड फंड में निवेश करता है जबकि एआईजी स्विटजरलैंड स्थित एआईजी पीबी इक्विटी गोल्ड फंड में निवेश करता है।
सोने की कीमतों में आई तेजी के अलावा ये फंड कुछ देशों में मुद्रास्फीति और अपस्फीति में कमी के कारण भी बेहतर रिटर्न देते हैं। कीमतों में कमी आने के कारण माइनिंग कंपनियों को परिचालन में होने वाले खर्चों में कटौती करने में काफी मदद मिलती है।
इस बारे में एआईजी गोल्ड फंड के फं ड प्रबंधक रूचिर प्रकाश का कहना है कि तेल, श्रम और कच्चे सामानों की कीमत में गिरावट आन से जिससे ऑपरेटिंग कैश में काफी सुधार देखने को मिल रहा है।