भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) 17 फरवरी की अपनी बैठक में प्रतिभूति बाजार खासतौर पर सराफा बाजार से संबंधित विभिन्न बजट प्रस्तावों पर चर्चा कर सकता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है। केंद्रीय बजट को पेश करने के बाद वित्त मंत्री रस्मी तौर पर सेबी के बोर्ड को संबोधित करते हैं। इसी कड़ी में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बाजार नियामक के बोर्ड को संबोधित करेंगी।
सेबी का बोर्ड पिछले हफ्ते केंद्रीय बजट में प्रस्तावित हाजिर स्वर्ण एक्सचेंज को स्थापित करने के लिए उसके ढांचे और चुनौतियों पर चर्चा कर सकता है। ऐसा पहली बार होगा कि नियामक किसी हाजिर जिंस बाजार का नियमन करे।
पता चला है कि सेबी आरंभ में हाजिर जिंस के विभिन्न आयामों को देखते हुए उसका नियमन करने के पक्ष में नहीं था।
सेबी ने 2018 में इसके लिए एक अलग नियामक का प्रस्ताव दिया था। हालांकि, उसी वर्ष वित्त मंत्रालय की ओर से गठित एक समिति ने सराफा बाजार के लिए सेबी को नियामक बनाने का सुझाव दिया था।
दिलचस्प है कि गिफ्ट सिटी में इंटरनैशनल फाइनैंशियल सर्विस सेंटर (आईएफएससी) का नियामक कई सारे सराफा बाजार के पक्ष में नहीं है। आईएफएससी अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एक सराफा बाजार की स्थापना कर रहा है। लेकिन सेबी द्वारा विनियमित एक्सेचंज (नैशनल स्टॉक एक्सचेंज, बीएसई) एक से अधिक एक्सचेंजों की स्थापना चाहते हैं।
सूत्रों के मुताबिक आईएफएसी स्वर्ण हाजिर एक्सचेंज के लिए नियमन सेबी द्वारा विनियमित एक्सचेंज से अलग होगा। लेकिन अब तक स्पष्ट नहीं है कि क्या दो अलग अलग विधान तैयार करने के लिए दोनों नियामक आपस में सहयोग करेंगे या नहीं।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने 1 फरवरी को कहा था कि सेबी को स्वर्ण एक्सचेंजों का नियामक बनाया जाएगा ताकि स्वर्ण लेनदेन में पारदर्शिता को सुनिश्चित किया जा सके। यह घोषणा विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के मुताबिक थी। नीति आयोग के सदस्य के नेतृत्व में गठित इस समिति ने 2013 में हुए 5,600 करोड़ रुपये के राष्ट्रीय हाजिर एक्सचेंज घोटाले के बाद हाजिर बाजार में नियमन के महत्त्व की ओर इंगित किया था।
अन्य बजट प्रस्तावों में कहा गया है कि सेबी बोर्ड प्रतिभूति बाजार संहिता के लिए एक विशेषज्ञ समिति तैयार करेगा। बॉन्ड बाजारों के लिए एकल संहिता होने से अतिच्छादन की समस्या दूर होगी जो चार प्रतिभूति नियमनों के कारण से होता है।
इसके अलावा, इस मामले के जानकार लोगों ने कहा कि अगले हफ्ते होने वाली सेबी की बैठक में निवेशक चार्टर के प्रारूप और विदेशी प्रत्यक्ष सूचीबद्घता की स्थिति पर भी चर्चा होगी।
सरकार ने बजट में एक विशिष्ट निवेशक चार्टर का प्रस्ताव रखा है जिसमें उन सभी उत्पादों की पूरी जानकारी होगी जिसमें निवेशक पैसा लगा रहे हैं।
सेबी के बोर्ड में शामिल आर्थिक कार्य सचिव तरुण बजाज ने बजट के बाद बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत में कहा, ‘म्युचुअल फंड, बीमा या फिर कोई अन्य उत्पाद हो… सेबी, आईआरडीए, पीएफआरडीए आदि सहित प्रत्येक नियामक के पास यह निवेशक चार्टर होगा। इसका लक्ष्य और अधिक पारदर्शिता लाना और उत्पादों की गलत बिक्री को रोकना है। इसमें कमीशन, कीमत, शर्तें आदि शामिल होगी। हम इसे एक पृष्ठीय सूचना के तौर पर तैयार करने की योजना बना रहे हैं जिससे प्रत्येक निवेशक को किसी भी उत्पाद में धन लगाने से पहले सूचित निणर््य लेने में मदद मिलेगी।’
