इस महीने के लिए डिपोजिटरी आंकड़े से पता चलता है कि एफपीआई खरीदारी 18 नवंबर इक्विटी में 14,000 करोड़ रुपये के आसपास रही। हालांकि शुद्घ खरीदारी के आंकड़े में इस अवधि के दौरान 23,169 करोड़ रुपये का बड़ा प्राथमिक बाजार निवेश भी शामिल है। इसलिए, एफपीआई ने वास्तव में नवंबर में सेकंडरी बाजार में 9,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के शेयर बेचे। नवंबर के पहले पखवाड़े में एफपीआई बैंकिंग और आईटी जैसे अच्छे प्रदर्शन वाले क्षेत्रों में भी बिकवाल रहे। इस रुझान से संकेत मिलता है कि एफपीआई द्वारा हरेक तेजी पर बिकवाल बनने की संभावना है, क्योंकि कई विदेशी ब्रोकरों ने महंगे मूल्यांकन की चिंताओं से भारत पर बेचें की रेटिंग दी है। जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार का कहना है कि लेकिन यदि बाजार ज्यादा गिरता है तो रिटेल और घरेलू संस्थागत निवेशक आक्रामक तौर पर खरीदार बन सकते हैं।
