विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) ने नवंबर में बैंकों व वित्तीय कंपनियों के 2.1 अरब डॉलर के शेयरों की बिकवाली की, लिहाजा बैंक निफ्टी इंडेक्स में 9 फीसदी की गिरावट आ गई। दूसरी ओर, उन्होंने सुरक्षात्मक दांव में इजाफा किया और एफएमसीजी व खुदरा क्षेत्र के शेयरों में 2.7 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश किया। यह जानकारी आईआईएफएल इंस्टिट््यूशनल इक्विटीज के उपाध्यक्ष (ऑल्टरनेटिव रिसर्च) श्रीराम वेलायुधन के विश्लेषण से मिली। पिछले महीने बाजार ने मार्च 2020 के बाद सबसे खराब मासिक गिरावट दर्ज की थी क्योंंकि कोरोना वायरस के नए रूप और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के रुख ने दुनिया भर के निवेशकों को परेशान कर दिया था।
तेल व गैस (एफपीआई की निकासी 63.4 करोड़ डॉलर), धातु व खनन (41 करोड़ डॉलर) और आईटी (36.6 करोड़ डॉलर) अन्य क्षेत्र थे, जहां एफपीआई ने अधिकतम बिकवाली की। एफएमसीजी के अलावा रियल्टी (52.4 करोड़ डॉलर निवेश) एकमात्र क्षेत्र रहा, जहां ठीक-ठाक निवेश हुआ। रियल्टी क्षेत्र में भी निवेश में सुस्ती रहती, अगर गोदरेज प्रॉपर्टीज को एमएससीआई इंडेक्स में शामिल नहीं किया जाता।
एफपीआई के पोर्टफोलियो में बैंकों व वित्तीय कंपनियों का सबसे ज्यादा सेक्टोरल भारांक है। हालांकि पिछले महीने की बिकवाली के बाद बैंकों व वित्तीय कंपनियों में एफपीआई का आवंटन घटकर 30.5 फीसदी रह गया है, जो सितंबर 2020 के बाद सबसे कम है। फरवरी में इनका आवंटन 34.8 फीसदी था।
इस बिकवाली से इस साल बैंंकिंग शेयरों का प्रदर्शन काफी कमजोर रहा है। इस साल अब तक के लिहाज से बैंक निफ्टी 14.3 फीसदी चढ़ा है और निफ्टी फाइनैंशियल सर्विसेज इंडेक्स में 15.7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इसकी तुलना में निफ्टी में 21 फीसदी की उछाल दर्ज हुई है।
कोटक इंस्टिट््यूशनल इक्विटीज ने 3 दिसंबर में नोट में कहा है, हमारी नजर में बैंकों का कमजोर प्रदर्शन इस वैश्विक धारणा को प्रतिबिंबित करता है कि बदलते माहौल के लिहाज से फिनटेक व बिगटेक के मुकाबले बैंकों की तैयारी कमजोर है। भुगतान से लेकर उधारी में बाजार ने फिनटेक की कामयाबी को हाथोंहाथ लिया है। भारतीय संदर्भ में इससे दो चीजें सामने आई है – 1. एकल भुगतान कारोबार बेहतर मुनाफे वाला नहीं है 2. उधारी के क्षेत्र में पहले से ही काफी भीड़भाड़ है, फिनटेक के लिए उधारी में वास्तविक फायदा नहीं है। इस क्षेत्र को लेकर ब्रोकरेज का नजरिया तेजी का है क्योंंकि उसे काफी सकारात्मक संकेत दिख रहे हैं। आईआईएफएल के मुताबिक, साल की शुरुआत के मुकाबले नवंबर में जिन क्षेत्रों में एफपीआई का आवंटन ज्यादा था उनमें एफएमसीजी (जनवरी में 12.2 फीसदी बनाम अब 13.4 फीसदी), पावर (2.2 फीसदी बनाम 3.6 फीसदी) और रियल एस्टेट (0.9 फीसदी व 1.4 फीसदी) शामिल हैं।
