घरेलू शेयर बाजारों में पिछले चार कारोबारी सत्रों से जारी गिरावट पर गुरुवार को विराम लगा और बीएसई सेंसेक्स 113 अंक की बढ़त के साथ बंद हुआ। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के बॉन्ड खरीद कार्यक्रम को तेजी से समाप्त करने की घोषणा के बाद भी वैश्विक बाजारों में तेजी के साथ घरेलू बाजार बढ़त में रहे। कारोबारियों के अनुसार डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में तेजी से भी धारणा को मजबूती मिली। हालांकि विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली जारी रहने से तेजी पर अंकुश लगा।
उतारचढ़ाव भरे कारोबार में सेंसेक्स 113.11 अंक यानी 0.20 फीसदी की तेजी के साथ 57,901.14 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 27 अंक यानी 0.16 फीसदी चढ़कर 17,248.40 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में 2.61 फीसदी की बढ़त के साथ सर्वाधिक लाभ में बजाज फाइनैंस रही। इसके अलावा, इन्फोसिस, टाइटन, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचसीएल टेक, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा और नेस्ले इंडिया में भी तेजी रही। दूसरी तरफ, मारुति, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज ऑटो, सन फार्मा, इंडसइंड बैंक और एसबीआई में 1.51 फीसदी तक की गिरावट रही। जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, घरेलू बाजार हल्की तेजी के साथ बंद हुए। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की बिकवाली जारी रहने और खुदरा गतिविधियों में नरमी से घरेलू बाजार में सुस्ती रही। उन्होंने कहा, फेडरल रिजर्व के चेयरमैन ने 2022 के मध्य के बजाय शुरूआत तक बॉन्ड खरीद कार्यक्रम को तेजी से समाप्त करने के साथ नीतिगत दर में तीन वृद्धि की घोषणा की है। मुद्रास्फीति में वृद्धि के बीच अर्थव्यवस्था में मजबूती और रोजगार के मोर्चे पर सुधार को देखते हुए फेडरल रिजर्व ने यह निर्णय किया।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष (शोध) अजीत मिश्रा ने कहा कि उतारचढ़ाव के बीच बाजार हाल की गिरावट के बाद बढ़त में रहा। उन्होंने कहा, फेडरल रिजर्व की घोषणा के साथ अनुमान और आशंका का दौर समाप्त हो गया है। हमारा मानना है कि वैश्विक बाजारों का प्रदर्शन आने वाले दिनों में महत्वपूर्ण होगा। साथ ही प्राथमिक बाजार में गतिविधियां तेज रहने की उम्मीद है। क्षेत्रों में केवल आईटी शेयर में मजबूती दिख रही है जबकि अन्य में मिला-जुला रुख है। एशिया के अन्य बाजारों में चीन में शांघाई कंपोजिट सूचकांक, हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग, जापान का निक्की और दक्षिण कोरिया कॉस्पी लाभ में रहे।
