इक्विटी में लोगों की गिरती दिलचस्पी और मुनाफे की कमी से जूझ रही म्युचुअल फंड कंपनियां इक्विटी योजनाओं में ग्राहकों को लुभाने के लिए बाजार में कारोबार में आए मौजूदा तेजी का फायदा उठा रही हैं।
इक्विटी न्यू फंड ऑफर्स (एनएफओ) जिनमें कि वैश्विक वित्तीय संकट के बाद काफी गिरावट दर्ज की गई थी, अब दर्जनों ऑफर के साथ बाजार में वापसी की जमीन तैयार कर रही है। इस समय कई ऑफर सेबी के पास मंजूरी के लिए पड़े हैं।
इस समय जो एनएफओ सेबी की मंजूरी मिलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं, उनमें रिलायंस टारगेट एप्रीसिएशन फंड, शिंसेई इंडस्ट्री लीडर्स फंड, डीएसनी ब्लैकरॉक वर्ल्ड एनर्जी फंड और रेलिगेयर बिजनेस लीडर्स फंड शामिल हैं। अर्थव्यवस्था और बाजार में सुधार के संकेत से परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियां (एएमसी) आशान्वित हैं कि वे काफी मात्रा में धन इकठ्ठा करने में सक्षम हो पाएंगी।
इस बारे में एक म्युचुअल फंड वितरक ने कहा ‘इस साल वर्ष 2007 की तरह खरीदारी का स्तर नहीं रहेगा जब खुदरा निवेशक एनएफओ के नाम पर आंख मुंदे आए थे जबकि इस बार यह बाजार में दीर्घ अवधि के लिए होगा क्योंकि बाजार में बेहतर कारोबार का दौर शुरू ही हुआ है।’
हाल में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ने टारगेट रिटर्न फंड की शुरुआत की जिसका उद्देश्य 500 करोड रुपये जुटाना था, जबकि एडिलवायस म्युचुअल फंड ने ईडीजीई फंड को बाजार में उतारा है।
