धातु कंपनियों ने अपने शानदार मासिक प्रदर्शन में से एक दर्ज किया है। निफ्टी मेटल सूचकांक नवंबर में 25 प्रतिशत चढ़ा, जबकि निफ्टी में 11.4 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई। इस्पात कंपनियों स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) और टाटा स्टील इस महीने 40 प्रतिशत से ज्यादा चढ़े। हमने धातु शेयरों के प्रति निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी के लिए कई वजह देखी हैं। सबसे बड़ा कारक घरेलू बाजार में इस्पात कीमतों में तेजी रही।
धातु में तेजी
शेयर कीमतों में तेजी को जिंस कीमतों में आई मजबूती से सहारा मिला। मोतीलाल ओसवाल के विश्लेषकों अमित मुरारका और बसंत जोशी ने एक रिपोर्ट में लिखा है, ‘भारत में इस्पात कीमतें नवंबर में 4,000-5,000 रुपये प्रति टन (10-13 प्रतिशत) तक चढ़ीं। वहीं हॉट-रोल्ड कॉइल्स (एचआरसी) के दाम 10 प्रतिशत चढ़कर 47,000 रुपये प्रति टन और रीबर इस्पात के दाम 13 प्रतिशत चढ़कर 44,000 रुपये प्रति टन पर पहुंच गए।’ उनका कहना है कि इन धातुओं की कीमतों में और तेजी की गुंजाइश बनी हुई है। उन्होंने कहा, ‘इन कीमत वृद्घि के बावजूद, घरेलू एचआरसी कीमतें दक्षिण कोरिया से आयात की कुल लागत के आसपास कारोबार कर रही हैं, जिससे दिसंबर 2020 में कीमतें बढऩे की संभावना बढ़ गई है।’
चीन से मांग
घरेलू इस्पात कीमतों में तेजी इस आधार की वजह से भी है कि चीन से मांग और कीमतों में सुधार आया है। मुरारका और जोशी ने कहा, ‘घरेलू कीमतों को मजबूत क्षेत्रीय मांग से मदद मिली है, और साथ ही चीन की घरेलू इस्पात कीमतों में आई भारी तेजी से भी यहां कीमतों में सुधार देखा गया है। चीन की एचआरसी और रीबार कीमतें पिछले दो महीनों में 10 प्रतिशत और 11 प्रतिशत तक चढ़कर 622/599 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गईं।’ दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में इस्पात के लिए मांग अप्रैल से बढ़ी है, और इसे प्रमुख उपभोक्ता क्षेत्रों निर्माण तथा वाहन से मदद मिली है। चीन की घरेलू एचआरसी कीमतें दो वर्ष की ऊंचाई पर नहीं हैं।
कीमतों में अंतर
घरेलू इस्पात कीमतों में अंतर तीन वर्ष की ऊंचाई पर है। जहां लौह अयस्क कीमतें पांच वर्षीय ऊंचाई पर हैं, वहीं आयातित कोकिंग कोयला कीमतें इस साल अब तक 35 प्रतिशत नीचे आई हैं। इससे कुल कच्चे माल की लागत नियंत्रित बनाए रखने में मदद मिली है। मोतीलाल ओसवाल के विश्लेषकों का कहना है, ‘इसके परिणामस्वरूप, घरेलू इस्पात अंतर एचआरसी के लिए 33,000 रुपये प्रति टन और रीबार के लिए 30,000 रुपये प्रति टन पर है।’