भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) भारत में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के डॉलर निपटान की अनुमति के प्रस्ताव पर भारतीय रिजर्व बैंक के साथ बातचीत कर रहा है।
इस कदम से भारतीय बाजारों में एफआईआई के निवेश में भारी बदलाव आएगा। डॉलर निपटान न केवल एफआईआई के लिए मुद्राओं के उतार-चढ़ाव के जोखिमों को कम करेगा बल्कि इससे डेरिवेटिव्स बाजार के कारोबार और नकदी बढ़ने में भी मदद मिलेगी।
वर्तमान में भारत में रुपये में निपटान किया जाता है। पहरणामस्वरूप, कई विदेशी संस्थागत निवेशक जो निफ्टी फ्यूचर्स में कारोबार करना चाहते हैं सिंगापुर के रास्ते सीएनएक्स निफ्टी इंडेक्स फ्यूचर्स का कारोबार एसजीएक्स पर कर रहे हैं।
अगर भारत में डॉलर निपटान की अनुमति मिल जाती है तो कई प्रतिभागी जो भारतीय बाजारों में इंडेक्स की खरीदारी के माध्यम से निवेश करना चाहते हैं, मुक्त रूप से हिस्सा ले सकते हैं। इससे भारतीय बाजारों में स्थिरता आएगी क्योंकि इन अनुबंधों को एफआईआई को बंचने वाले अंतर्निहित शेयरों की खरीदारी करेंगे।
इस घटनाक्रम से जुड़ सूत्रों ने बताया कि यह आरबीआई और सेबी के बीच परामर्श की प्रक्रिया में है और यह कहना काफी मुश्किल है कि इस बारे में दिशानिर्देश कब तक जारी होंगे। इस पर विचार करने के लिए आरबीआई ने एक समिति बनाई है।
इस समिति में आरबीआई के अधिकारियों के अलावा सेबी के एक शीर्ष अधिकारी भी शामिल हैं।आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के कार्यकारी निदेशक अनूप बागची ने कहा, ‘एसजीएक्स पर बड़े पैमाने पर निफ्टी अनुबंधों का कारोबार किया जा रहा है।
