डिश टीवी के शेयर में आज 13 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई। कंपनी के एक लेनदार येस बैंक की ओर से प्रबंधन में बदलाव के लिए भेजे गए नोटिस की खबर से इस शेयर को बल मिला। येस बैंक ने कंपनी के स्वतंत्र निदेशकों सहित शीर्ष प्रबंधन को हटाने के लिए नोटिस भेजा है।
डिश टीवी का शेयर आज 15.54 रुपये पर बंद हुआ और इस प्रकार कंपनी का कुल बाजार पूंजीकरण बढ़कर 2,861 करोड़ रुपये हो गया। हालांकि घाटे में चल रही इस डीटीएच कंपनी में बहुलांश हिस्सेदारी रखने वाले भारतीय लेनदार कंपनी के प्रबंधन में बदलाव करने की योजना बना रहे हैं। विश्लेषकों का कहना है कि लेनदारों को अपने बकाये रकम की वसूली होने की संभावनाएं कम दिख रही हैं क्योंकि हाल के वर्षों में कंपनी की वित्तीय हालत कहीं अधिक खराब हुई है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2021 में 3,249 करोड़ रुपये के राजस्व पर 1,178 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया।
हालांकि कंपनी के ऋण बोझ में कमी आई है क्योंकि कई बैंकों ने बकाये के भुगतान में चूक को देखते हुए डेट को इक्विटी में बदलने का निर्णय लिया था। सोमवार को डिश टीवी ने स्टॉक एक्सचेंज को जानकारी दी थी कि येस बैंक ने कंपनी प्रशासन संबंधी चिंता जताते हुए उसके स्वतंत्र निदेशकों सहित शीर्ष प्रबंधन को बदलने का निर्णय लिया है। डिश टीवी एस्सेल ग्रुप के संस्थापक सुभाष चंद्रा के भाई जवाहर लाल गोयल के नेतृत्व वाली कंपनी है। एस्सेल ग्रुप भी ऋण पुनर्गठन की प्रक्रिया से गुजर रहा है जहां 91 फीसदी लेनदारों ने नुकसान उठाते हुए ऋण को निपटाने का निर्णय लिया था।
भारी डूबते ऋण से जूझ रहे भारतीय लेनदार ऋण समाधान के लिए कई कंपनियों को एनसीएलटी ले जा रहे हैं। सर्वोच्च न्यायालय के एक हालिया फैसले के बाद बैंक प्रवर्तकों की व्यक्तिगत गारंटी को भी भुना रहे हैं। दिवालिया प्रक्रिया के तहत लेनदारों का औसत नुकसान 60 फीसदी की ऊंचाई तक पहुंच गया है।
डिश टीवी ने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की।
येस बैंक ने अपने पत्र में कहा कि वह कंपनी के एकमात्र सबसे बड़े शेयरधारक येस बैंक के शेयरधारिता पैटर्न को कमजोर करने और हितों पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के लिए 1,000 करोड़ रुपये के राइट्ïस इश्यू को मंजूरी देने वाले मौजूदा निदेशक मंडल को हटाना चाहता है।
बैंक ने कहा बोर्ड कंपनी प्रशासन के मानकों के अनुरूप काम नहीं कर रहा है। वह कंपनी में मौजूदा शेयरधारकों एवं विभिन्न बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों का उचित प्रतिनिधित्व नहीं कर रहा है जिनकी 45 फीसदी हिस्सेदारी है।
येस बैंक ने कहा है कि नामित निदेशकों की नियुक्ति के जरिये बोर्ड को पुनर्गठित करने के लिए बार-बार आग्रह किए जाने के बावजूद कोई पहल नहीं की।