भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का विदेशी मुद्रा भंडार 14 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 4.5 अरब डॉलर घटकर 528.37 अरब डॉलर रह गया। केंद्रीय बैंक के आंकड़े के अनुसार, विदेशी मुद्रा भंडार का मौजूदा स्तर 24 जुलाई 2020 के बाद से सबसे कम है।
मुद्रा भंडार में गिरावट मुख्य तौर पर आरबीआई की विदेशी मुद्रा संपत्तियों में कमजोरी की वजह से आई है। ये विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां समीक्षाधीन सप्ताह में 2.8 अरब डॉलर घटकर 468.87 अरब डॉलर रह गईं। केंद्रीय बैंक की स्वर्ण परिसंपत्तियां 14 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 1.5 अरब डॉलर घटकर 37.45 अरब डॉलर रह गईं।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ‘भारत का विदेशी मुद्रा भंडार केंद्रीय बैंक के दखल के बीच, 24 जुलाई 2020 के बाद से घटकर सबसे कमजोर स्तर पर रह गया है। इस समय, डॉलर और स्वर्ण
परिसंपत्तियों, दोनों की वैल्यू पुनर्मूल्यांकन के साथ साथ केंद्रीय बैंक की डॉलर बिकवाली के बीच घटी है।’14 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में, डॉलर के मुकाबले रुपया महज 0.03 प्रतिशत कमजोर हुआ। 6 प्रमुख प्रतिस्पर्धी मुद्राओं के खिलाफ डॉलर के प्रदर्शन का मापक अमेरिकी डॉलर सूचकांक उस सप्ताह के दौरान 0.5 प्रतिशत मजबूत हुआ।
परमार के अनुसार, पिछले सप्ताह रुपये में तेजी काफी हद तक आरबीआई के दखल की वजह से दिखी थी। कारोबारियों का कहना है कि केंद्रीय बैंक ने पिछले सप्ताह 82.40 प्रति रुपये के स्तर पर डॉलर की जमकर बिक्री की थी। वर्ष 2022 में अब तक डॉलर के मुकाबला रुपया 10.1 प्रतिशत कमजोर हो चुका है।