क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों की हालिया जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पता चला है कि देश के शीर्ष क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों ने अमेरिका, ब्राजील और जर्मनी सहित कई देशों के नागरिकों को अपने प्लेटफॉर्म पर ग्राहक को जानें (केवाईसी) और धनशोधन निषेध नियमों का पालन किए बगैर सौदे करने दिए।
जांच से यह भी पता चला है कि इन क्रिप्टो एक्सचेंजों को वैश्विक कैपिटल वेंचर्स जैसे सिकोया, टाइगर ग्लोबल आदि से पिछले तीन वर्षों में करीब 1 अरब डॉलर मिले हैं। उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक के समक्ष इसका खुलासा नहीं किया, जबकि विदेशी मुद्रा-सकल प्रावधान रिटर्न (एफसी-जीपीआर) फाइलिंग में इसे दिखाना अनिवार्य होता है।
जब भी किसी कंपनी को विदेशी निवेश मिलता है और विदेशी निवेशक को उसके बदले शेयर दिए जाते हैं तो एफसी-जीपीआर फाइलिंग में इसकी जानकारी देनी होती है। ऐसा नहीं करना विदेशी मुद्रा नियमों का उल्लंघन माना जाता है।
इस मामले की जांच में ईडी को यह भी पता चला कि भारतीय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों ने विदेशी क्रिप्टो एक्सचेंजों की वॉलेट व्यवस्था का इस्तेमाल कर अपने प्लेटफॉर्म पर लेनदेन करने वाले भारतीय उपयोगकर्ताओं की समूची जमा राशि का नियंत्रण उनके हात में दे दिया।
जांच से यह खुलासा भी हुआ है कि वजीरएक्स, कॉइन डीसीएक्स और कॉइनस्विच जैसे अग्रणी क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों ने विदेशी यूजर्स को तीसरे पक्ष के विदेशी एक्सचेंज जैसे कॉइनबेस, हिचबीटीसी का उपयोग कर एक क्रिप्टो को दूसरे क्रिप्टो में बदलने की सुविधा प्रदान की और उस पर कमीशन कमाया। जांच एजेंसी कम से कम 11 क्रिप्टो एक्सचेंजों द्वारा विदेशी मुद्रा नियमों के उल्लंघन की जांच कर रही है। इसी दौरान उसे यह जानकारी मिली। एजेंसी ने इस महीने के प्रारंभ में कुछ क्रिप्टो एक्सचेंजों को नोटिस जारी कर नियमों का अनुपालन नहीं किए जाने पर सफाई मांगी थी।
एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘ये क्रिप्टो एक्सचेंज दुनिया के किसी भी व्यक्ति को बिना पहचान के क्रिप्टो सौदे करने दे रहे हैं। संपर्क किए जाने पर एक एक्सचेंज ने बताया कि उन यूजर्स के आईपी एड्रेस ही लिए गए थे।’ उन्होंने कहा कि ये एक्सचेंज रोजाना ऐसे सैकड़ों लेनदेन करते हैं, जिनमें बिना किसी पहचान के बैंकों और डीलरों के जरिये क्रिप्टो से भारतीय रुपये में बदला जा रहा है। यह आरबीआई की 2018 की अधिसूचना और फेमा नियमों का उल्लंघन है।
कॉइनस्विच से संपर्क करने पर उसके प्रवक्ता ने कहा, ‘हमसे विभिन्न सरकारी एजेंसियों ने सवाल पूछे हैं। पारदर्शिता हमेशा हमारा सिद्धांत रहा है। क्रिप्टो उद्योग शुरुआती चरण में है, जिसमें बहुत संभावनाएं हैं और हम लगातार सभी भागीदारों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।’ वजीरएक्स ने इस मामले को विचाराधीन बताकर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। कॉइनडीसीएक्स को भेजे ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला।
