रिलायंस कैपिटल के पूर्व मुख्य कार्याधिकारी सैम घोष द्वारा समर्थित कंपनी टोरस क्लिंग ब्लॉकचैन आईएफएससी ने गुरुवार को कहा कि वह चालू वित्त वर्ष के आखिर तक देश का पहला क्रिप्टो एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) शुरू करेगी। इसकी नजर दो साल के भीतर एक अरब डॉलर की प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति (एयूएम) पर है और यह अमेरिका तथा यूरोप के बाजारों में लार्ज-कैप मेटावर्स शेयरों पर भी नजर रखेगी।
टोरस क्लिंग ब्लॉकचैन आईएफएससी सैम घोष द्वारा समर्थित कॉस्मेआ फाइनैंशियल होल्डिंग्स (सीएफएच) और क्लिंग ट्रेडिंग इंडिया का 50:50 वाला संयुक्तउद्यम है। यह बिटकॉइन और एथेरियम फ्यूचर्स ईटीएफ अमेरिका के बाहर पहला क्रिप्टो समर्थित फ्यूचर्स ईटीएफ होगा।
इस ईटीएफ की शुरुआत आईएफएससीए (इंटरनैशनल फाइनैंशियल सर्विसेज सेंटर्स अथॉरिटी) सैंडबॉक्स निर्माण के तहत की जाएगी और टोरस तरलता प्रदाता रहेगी। इस उत्पाद को टोरस की वैश्विक वितरण टीम और भागीदारों के माध्यम से वितरित किया जाएगा।
टोरस क्लिंग ब्लॉकचैन आईएफएससी के मुख्य कार्याधिकारी कृष्ण मोहन मीनावल्ली ने कहा कि यह नया परिसंपत्ति वर्ग हिमशैल का सिरा है। एक्सचेंज ट्रेड उत्पाद क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों के झंझटों और सुरक्षा चिंताओं को दरकिनार करते हुए नियमित निवेश खातों के जरिये कारोबार की अनुमति प्रदान करते हैं।
इंडिया आईएनएक्स के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी वी बालासुब्रमण्यम ने कहा कि गिफ्ट आईएफएससी में इंडिया आईएनएक्स डिजिटल परिसंपत्ति आधारित उत्पादों की शुरुआत पर विचार कर रहा है और विनियामकी सैंडबॉक्स के तहत आईएफएससीए को पहले ही आवेदन कर चुका है।
