बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) पद के लिए आशीष कुमार चौहान के नाम की स्वीकृति दे दी है। चौहान अभी बंबई स्टॉक एक्सचेंज में इन्हीं पदों पर हैं।
विक्रम लिमये पिछले शनिवार को ही एनएसई के एमडी और सीईओ के पद से मुक्त हुए थे। एनएसई ने अपने शीर्ष पद के लिए सेबी के पास दो नाम भेजे थे। सूत्रों के मुताबिक सेबी ने 54 साल के चौहान के नाम पर सहमति जताई। मगर एनएसई को अभी अपने शेयरधारकों से अनुमति लेनी होगी। उसके बाद ही चौहान पदभार ग्रहण कर सकेंगे। जब तक नए एमडी-सीईओ की नियुक्ति नहीं होती है तब तक एक्सचेंज चार सदस्यों की आंतरिक समिति बनाएगा, जो उनके कामकाज देखेगा। इस समिति में एनएसई के मुख्य वित्त अधिकारी यात्रिक विन, मुख्य नियामक अधिकारी प्रिया सुब्बारमन, मुख्य प्रौद्योगिकी व संचालन अधिकारी शिव कुमार भसीन और मुख्य उद्यम एवं जोखिम अधिकारी केएस सोमसुंदरम होंगे।
चौहान का बीएसई में पांच साल का दूसरा कार्यकाल नवंबर में खत्म होने वाला है। बीएसई ने भी अपने नए अधिकारी के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। हालांकि देखना होगा कि चौहान एनएसई में फौरन आ जाते हैं या बीएसई में अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद। उम्मीद जताई जा रही है कि शुरू में यहां भी चौहान का पांच साल का कार्यकाल रहेगा। सूत्रों के अनुसार सेबी बीएसई के सीईओ की चयन प्रक्रिया पूरी करने में भी जुटा है।
आईआईटी और आईआईएम से पढ़ाई करने वाले चौहान के लिए यह घरवापसी होगी और वह एनएसई की स्थापना करने वाली टीम में भी शामिल थे। एनएसई में आने से पहले उन्होंने अपने करियर की शुरुआत आईडीबीआई बैंक से की थी। उन्होंने 1993 से लेकर 2000 तक एनएसई डेरिवेटिव्स सेगमेंट विकसित करने के लिए काफी काम किया था।
चौहान को वित्तीय क्षेत्र से बाहर भी काम करने का अनुभव है। आईपीएल में मुकेश अंबानी की टीम मुंबई इंडियंस के शुरुआती दिनों में चौहान ने इसके मुख्य कार्याधिकारी के तौर पर काम किया था और 2000 से 2009 तक वह रिलायंस समूह के अध्यक्ष और मुख्य सूचना अधिकारी भी रह चुके हैं। चौहान ऐसे समय में एनएसई की कमान संभालने जा रहे हैं जब एक्सचेंज अपने पूर्व प्रमुखों चित्रा रामकृष्णन और रवि नारायण के कार्यकाल के दौरान गैर-कानूनी फोन टैपिंग के आरोपों का सामना कर रहा है।
