एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने आज कहा कि केंद्र सरकार ‘बैकस्टॉप सुविधा’ के तौर तरीकों को अंतिम रूप दे रही है, जिससे कि कॉर्पोरेट ऋण बाजार को और बेहतर करेगा। फरवरी के बजट में इस सुविधा की घोषणा की गई थी। यह सुविधा मिलने से एक इकाई तुलनात्मक रूप से इलिक्विड इन्वेस्टमेंट ग्रेड कॉर्पोरेट बॉन्ड में कारोबार कर सकेगी और दबाव के वक्त में द्वितीयक बाजार के हिस्सेदारों से इस तरह के बॉन्ड खरीदने के लिए तैयार रह सकेगी।
सीआईआई वित्तीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए आर्थिक मामलों के अतिरिक्त सचिव आनंद मोहन बजाज ने कहा, ‘हमें बॉन्ड बाजार पर बहुत ज्यादा काम करने की जरूरत है। सरकार और सबी प्रमुख हिस्सेदार इस दिशा में और ज्यादा करने के लिए व हमारे बॉन्ड बाजार को विकसित करने के लिए लगातार चर्चा कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि सरकार बैकस्टॉप सुविधा पर विचार कर रही है, जो गैर-दबाव वाले वक्त में भी उपलब्ध होगा।
उन्होंने बजट की एक और घोषणा का जिक्र किया, जिसमें ‘युक्तिसंगत एकल प्रतिभूति बाजार संहिता’ की बात की गई है। उन्होंने कहा कि यह अग्रगामी कदम होगा। उन्होंने कहा, ‘इसके साथ ही सरकार भारत में बेहतरीन प्रतिभूति कानून ढांचा उपलब्ध कराने पर काम कर रही है, जिससे कि कुशलता बढ़ाई जा सके और बाजार के कामकाज को सरल बनाया जा सके।’
क्रेडिट डिफाल्ट स्वैप्स पर अतिरिक्त सचिव ने कहा, ‘यह बहुत अहम उत्पाद है और रिजर्व बैंक व सरकार अब ऐसी स्थिति में पहुंचे हैं, जहां क्रेडिट डेरिवेटिव्स का इस्तेमाल पूंजी जरूरतों को कम करने और क्रेडिट रिस्क एक्सपोजर को समर्थन के लिए किया जा सकता है। इससे निश्चित रूप से कामकाज को बल मिलेगा।’