इक्विटी बाजारों में रिकॉर्ड विदेशी निवेश हो रहा है और अमेरिकी डॉलर कमजोर बने रहने की आशंका है, ऐसे में विशेषज्ञों ने गिरावट में खरीदारी की सलाह दी है। बुधवार को बेंचमार्क सूचकांकों में 1.5 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई थी, जो 15 अक्टूबर के बाद की सबसे बड़ी एकदिवसीय गिरावट है। इस गिरावट के बाद खरीदारी हुई और गुरुवार को बेंचमार्क सूचकांकों को सुधार लाने में मदद मिली। निफ्टी-50 इंडेक्स 1 फीसदी के लाभ के साथ 12,987 पर बंद हुआ।
तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार तेजडिय़ों की गिरफ्त में बना हुआ है और नई ऊंचाई पर पहुंच सकता है। एमके ग्लोबल फाइनैंशियल सर्विसेज के प्रमुख (सेल्स ट्रेडिंग) एस हरिहरन ने कहा, दिसंबर सीरीज के लिए धारणा काफी तेजी का है। नवंबर में विदेशी निवेशकों ने रिकॉर्ड 7.5 अरब डॉलर निवेश किया। उभरते बाजारों की इक्विटी के अनुकूलता निवेश में इजाफा कर रहा है, जिसका अनुमान कमजोर डॉलर के कारण लगाया गया है।
जीसीएल सिक्योरिटीज के वाइस चेयरमैन रवि सिंघल का मानना है कि अगर निफ्टी 13,088 के पार निकलता है तो यह 13,500 की ओर जा सकता है, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि विदेशी निवेश जारी रहे और शुक्रवार को जारी होने वाले जीडीपी के आंकड़े उम्मीद के मुताबिक हों।
हालांकि इस महीने बाजार में 11 फीसदी का इजाफा हुआ है, लेकिन कुछ का कहना है कि कुछ मुनाफावसूली और निचले स्तर पर दोबारा प्रवेश अच्छी रणनीति हो सकती है। दीन दयाल इन्वेस्टमेंट्स के प्रोप्राइटरी इंडेक्स ट्रेडर और तकनीकी विशेषज्ञ मनीष हाथीरमानी ने कहा, बाजार के ट्रेंड की सही दिशा में रहना अहम होता है और तय अंतराल पर मुनाफावसूली भी। इसके अलावा गिरावट में निचले स्तर पर दोबारा प्रवेश करना भी अहम होता है।
इस डर से कि बाजार उच्चस्तर पर जा सकता है और वहां से तेजी से नीचे आ सकता है, लोग तब अपने पोजीशन की बिकवाली के लिए बाध्य हो जाते हैं जब हम काफी अंतर के साथ बाजार खुलते देखते हैं या बाजार में नई ऊंचाई देखते हैं। यह बुधवार को हुआ जब निफ्टी दिन की ऊंचाई से 200 अंक ढह गया।
बंद स्तर के आधार पर निफ्टी ने गुरुवार को 13,055 के उच्चस्तर पर पहुंचा था और कारोबारी सत्र के आधार पर वह एक दिन बाद 13,146 के उच्चस्तर पर पहुंचा। अक्टूबर में इंडेक्स 11,642 पर बंद हुआ था।
