थोड़ी रिसर्च और जांच करने के बाद हमें यह समझ में आया है कि संपत्ति बनाने के लिए हर निवेशक के लिए जरूरी है कि वह पोर्टफोलियो का प्रबंधन करे।
लंबी अवधि के निवेश नजरिए और संतुलित किस्म का मीडियम से लेकर ज्यादा जोखिम रखकर हम अपने म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो में परिसंपत्ति आवंटन सही अनुपात में रखना चाहेंगे।
सवाल है कि मासिक आधार पर हम अपना परिसंपत्ति आवंटन कैसे करें? क्या आप म्युचुअल फंड के अलावा निवेश के दूसरे रास्ते सुझा सकते हैं?
निवेशक का पोर्टफोलियो
नाम: सुंदरा कुमार
आयु: 26 साल
जोखिम की क्षमता: संतुलित मध्यम से उच्च
निवेश राशि: 22,500 रुपए प्रति माह
यह देख कर अच्छा लगा कि निवेश करने से पहले आपने प्लानिंग कर ली है और एक रणनीति तैयार की है। आपने निवेश और इंश्योरेंस को अलग अलग रखा है।
इससे जाहिर है कि आपका नजरिया एकदम साफ है। आप विभिन्न परसिंपत्ति श्रेणी के पोर्टफोलियो में विविधता के लिए एकदम सही दिशा में जा रहे हैं। लिहाजा आपका आधा काम तो हो ही चुका है।
पहले हम एक निवेशक के लिए निवेश के जरियों पर नजर डालेंगे। उसके बाद हम आदर्श म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो पर बात करेंगे जो हमने आपके लिए तैयार किया है। हम यह भी रेखांकित करेंगे कि आप जैसे निवेशक को विभिन्न वर्ग के म्युचुअल फंड में कितना कितना निवेश करना चाहिए।
इक्विटी में निवेश: अगर आप सीधे शेयरों में निवेश करना चाहते हैं तो इसके लिए बाजार की जानकारी होने के साथ साथ जो शेयर आप लेने जा रहे हैं, उनके बारे में गहन जानकारी होना जरूरी है।
आपको उस कंपनी केबुनियादी तत्व, उद्योग, सेक्टर और मोटे तौर पर अर्थव्यवस्था की जानकारी होना भी जरूरी है। इसके लिए एक सुविधाजनक विकल्प है म्युचुअल फंड का रास्ता। इसमें इक्विटी के क्षेत्र में निवेश के लिए ढेर सारी स्कीमें हैं।
इसमें डाइवर्सिफाइड इक्विटी फंड हैं जो सभी सेक्टरों में निवेश करते हैं, इसके अलावा खास सेक्टर वाले फंड भी हैं जो किसी एक सेक्टर में निवेश करते हैं। ऐसे फंड अमूमन डाइवर्सिफाइड फंड की तुलना में ज्यादा जोखिम वाले होते हैं।
लेकिन यहां सावधानी बरतने की एक बात है। अगर आप इक्विटी में निवेश करने जा रहे हैं तो आपको पांच साल का टाइम लेकर चलना होगा।
डेट में निवेश: यहां भी आप म्युचुअल फंड का रास्ता अपना सकते हैं। अगर आप लंबे समय के लिए निवेश चाहते हैं तो कई लांग टर्म डेट फंड हैं और कम अवधि के लिए शार्ट टर्म डेट फंड हैं।
कई अल्ट्रा शार्ट टर्म फंड भी होते हैं जहां आप बहुत थोड़े समय के लिए पैसा लगा सकते हैं।
फंडों के अलावा आप बैंकों या पोस्ट ऑफिस में फिक्स्ड डिपॉजिट, पीपीएफ, एनएससी, आरबीआई के बांड या नाबार्ड के बांड। निवेश के साथ आपको कुछ बातें दिमाग में रखना भी जरूरी है। निवेश कितना सुरक्षित है?
अगर आपका फिक्स्ड डिपॉजिट किसी राष्ट्रीयकृत बैंक या फिर पोस्ट ऑफिस में है तो तय मानकर चलिए कि आपका निवेश सुरक्षित है।
अगर उसे सरकार की सहायता मिली हुई है जैसे कि आरबीआई बांड, और किसान विकास पत्र तो भी ऐसे निवेश में किसी प्रकार का कोई जोखिम नहीं है।
आप पूछ सकते हैं कि इसमें किस तरह की आयकर छूट मिलती है? अगर आप पांच साल के बैंक डिपॉजिट में या फिर पीपीएफ में पैसा जमा करते हैं तो आपको आयकर की धारा 80सी का लाभ मिलेगा।
निवेश कितने समय का है? पीपीएफ में निवेश सबसे लंबा होता है। इसमें 15 साल का लॉक-इन पीरियड होता है जबकि एनएससी केवल छह साल के लिए होता है।
सही चुनाव : जैसा कि आप देख सकते हैं, दो तरह के परिसंपत्ति वर्ग होते हैं: इक्विटी और डेट। पहले वाले में शेयर और इक्विटी म्युचुअल फंड आते हैं जबकि डेट में सभी फिक्स्ड रिटर्न वाली योजनाओं के साथ साथ डेट म्युचुअल फंड शामिल होते हैं।
दोनों का सही आवंटन (अनुपात) कई दूसरे कारकों पर निर्भर करता है, जैसे कि निवेशक की उम्र, उसकी आय, उसके खर्चे, क्या उसके पास कर्ज हैं और यह भी कि वह कितने समय में अपना पैसा वापस चाहता है।
आदर्श म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो: किसी भी निवेशक को विविधतापूर्ण पोर्टफोलियो रखना चाहिए जिसमें इक्विटी, डेट और कैश शामिल होते हैं। हर परिसंपत्ति का वास्तविक आवंटन हर किसी की व्यक्तिगत स्थितियों और उसके उद्देश्य पर निर्भर करेगा।
हमने आपकी 22,500 रुपए की बचत को छह अलग-अलग योजनाओं में आवंटित किया है। पोर्टफोलियो का मुख्य हिस्सा बड़ी कंपनियों के शेयर होने चाहिए।
लिहाजा, हमने आपकी बचत का 70 फीसदी हिस्सा तीन लार्ज कैप स्कीमों, बिरला सन लाइफ फ्रंटलाइन इक्विटी, सुंदरम सेलेक्ट फोकस और कोटक-30 में रखा है।
चूंकि टाटा इंफ्रास्ट्रक्चर एक सेक्टर विशेष का फंड है। सो, इसे केवल पांच फीसदी का आवंटन दिया गया है।
कोटक फ्लेक्सी-डेट को 15 फीसदी आवंटन दिया है क्योंकि यह एक मीडियम टर्म का डेट फंड है और इक्विटी बाजार के उतार चढ़ाव में कुशन का काम करेगा।