आखिरकार बंबई स्टॉक एक्सचेंज काफी दिन से ठंडे बस्ते में पड़े डेरिवेटिव कारोबार में जान फूंकने की कोशिश में जुट गया है।
अपने प्रयासों के तहत बीएसई सेंसेक्स में फ्यूचर्स (वायदा) में कारोबार और बीएसई ऑनलाइन ट्रेडिंग टर्मिनल (बीओएलटी) में शेयरों के कारोबार शुरू करने की छूट दे रही है।
इस समय बीओएलटी टर्मिनल का इस्तेमाल एक्सचेंज में नकदी के कारोबार के लिए हो रहा है। बीएसई ने जो प्रयास शुरू किया है उसका मकसद डेरिवेटिव कारोबार की प्रक्रिया को नकदी और फ्यूचर्स कारोबार की तरह ही सरल बनाना है। इसके साथ ही वायदा कारोबार को सरल और सस्ता बनाने की कोशिश की जा रही है।
एशिया के इस पुराने स्टॉक एक्सचेंज में डेरिवेटिव कारोबार बहुत पहले शुरू करने की बात चल रही थी क्योंकि डेरिवेटिव कारोबार शुरू करने में नैशनल स्टॉक एक्सचेंज पहले ही बीएसई को पछाड़ चुका है और इस कारोबार में इसकी हिस्सेदारी 1 फीसदी से भी कम रह गई है।
इस समय बीएसई में डेरिवेटिव कारोबार पूर्ण रूप से स्वचालित स्क्रीन आधारित प्लेटफॉर्म डीटीएसएस (डेरिवेटिव ट्रेडिंग सेटलमेंट सिस्टम) के जरिये होता है जिसे वास्तविक समय पर कारोबार के लिए तैयार किया गया है।
बीएसई में 280 सदस्य डेरिवेटिव कारोबार के लिए सूचीबध्द हैं लेनिक उनकी समस्या यह है कि उनमें से अधिकांश के पास डीटीएसएस की सुविधाएं सभी शाखाओं पर उपलब्ध नहीं है। शायद यही एक वजह है जिससे बीएसई में डेरिवेटिव कारोबार सुसुप्प्तावस्था में पडा है।
बीएसई के इस कारोबार को शुरू नहीं कर पाने से एनएसई ने डेरिवेटिव कारोबार शुरू कर इसे पछाड दिया। बीएसई के नजदीकी सूत्रों का कहना है कि इस साल मई के शुरुआत में बीओएलटी में डेरिवेटिव कारोबार शुरुआती कदम होगा और उसके बाद इस कारोबार में तेजी लाने के लिए और भी उपाय किए जाएंगे।
शुरू में इंडेक्स में वायदा और शेयरों को कारोबार की छूट होगी क्यांकि एक्सचेंज को तकनीकी मोर्चे पर कई बदलाव की प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। ऑप्शन कारोबार को दूसरे चरण में शुरू किया जा सकता है।
इसके अलावा बीएसई कई और फयुचर्स की शुरुआत करने की योजना बना रही है जो बीओएलई टर्मिनल में डीटीएसएस में बाद में उपलब्ध हैं। ऐसे ब्रोकर जो बीओएलटी में डेरिवेटिव का कारोबार करना चाहते हैं, उनको कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ेगा । लेकिन उनके लिए डेरिवेटिव सदस्यता के लिए आवश्यक शर्तों की पूर्ति करना अनिवार्य होगा।
हम भी क्यों रहें पीछे …
एनएसई से पिछड़ने के बाद बीएसई काफी लंबे समय से डेरिवेटिव कारोबार को शुरू करने की योजना बना रहा था
400 शहरों में 40,000 बीओएलटी है जिनमें कुल 700 सदस्य हैं
फिलहाल बीएसई में डेरिवेटिव कारोबार डीटीएसएस से हो रहा है
