प्रतिभूति अपील पंचाट (सैट) ने आज ब्रिकवर्क रेटिंग्स को बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा उसका लाइसेंस रद्द करने के आदेश पर 15 नवंबर को अगली सुनवाई तक रोक लगाते हुए अंतरिम राहत ॉप्रदान की है।
हालांकि पंचाट ने लाइसेंस रद्द करने पर अस्थायी रूप से रोक लगाई है, लेकिन किसी भी नए ग्राहक को शामिल करने के संबंध में लगाई गई रोक को बरकरार रखा है, जैसा कि सेबी ने निर्देश दिया था।
ब्रिकवर्क रेटिंग्स ने अपने बयान में कहा है कि सैट ने अपील की अंतिम सुनवाई तक सेबी के आदेश की कार्रवाई पर रोक लगा दी है, जिसमें कहा गया है कि इस बीच अपील पर अंतिम रूप से सुनवाई होने तक, ब्रिकवर्क्स को नया कार्यभार नहीं लेना चाहिए।
ब्रिकवर्क ने सेबी के आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया था। इसे क्रेडिट रेटिंग एजेंसी के लिए ‘मृत्युदंड’ कहा गया था, जिसमें 300 से अधिक कर्मचारी हैं। रेटिंग एजेंसी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने बाजार नियामक के आदेश को ‘शक्ति का घोर दुरुपयोग’ कहा है।
सैट ने एजेंसी और सेबी को अपना-अपना जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है।
सेबी के एक वकील ने दलील दी है कि किसी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी द्वारा सूचना का प्रसार करने में देर किए जाने से निवेशकों और म्युचुअल फंडों के फैसलों पर असर पड़ता है। साथ ही यह भी कहा है कि आदेश दिए जाने से पहले कुल सात उदाहरणों पर गौर किया गया था।
वकील ने कहा कि सिंटेक्स प्लास्टिक द्वारा कर्ज में चूक के मामले में रेटिंग एजेंसी ने कोई सक्रिय कार्रवाई नहीं की और कंपनी द्वारा चूक स्वीकार करते हुए परिणाम प्रकाशित करने का इंतजार किया।
पीठ ने पूछा कि तीसरे निरीक्षण के बाद एजेंसी पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई, जिस पर सेबी के वकील ने उस नियामक प्रक्रिया का हवाला दिया, जिसमें सुनवाई करना और नामित प्राधिकारी की सिफारिशों को शामिल करना शामिल था।
सेबी ने अप्रैल 2014 से ब्रिकवर्क के खिलाफ कई निरीक्षण किए थे, जिसने वर्ष 2008 में सीआरए के रूप में अपना लाइसेंस प्राप्त किया था। फर्म के खिलाफ कई बार न्यायिक कार्यवाही की गई।
इस साल अप्रैल में सेबी ने दिसंबर 2019 से जनवरी 2022 तक की अवधि के दौरान ब्रिकवर्क के रिकॉर्ड और दस्तावेजों की आरबीआई के साथ संयुक्त रूप से जांच की थी।
सेबी के आदेश के बाद आरबीआई ने बुधवार को कंपनियों और बाजार में भागीदारी करने वालों को ब्रिकवर्क रेटिंग्स से नई रेटिंग या क्रेडिट मूल्यांकन हासिल नहीं करने की सलाह दी थी। 6 अक्टूबर के एक आदेश में सेबी ने ब्रिकवर्क का लाइसेंस रद्द कर दिया और क्रेडिट रेटिंग एजेंसी को विभिन्न नियमों के कथित उल्लंघन के आरोप में छह महीने के भीतर अपना परिचालन बंद करने का निर्देश दिया था।
अपने आदेश में सेबी ने ब्रिकवर्क द्वारा किए गए कई उल्लंघनों पर प्रकाश डाला था, जैसे उचित रेटिंग प्रक्रिया का पालन करने और रेटिंग प्रदान करते समय यथोचित तत्परता में विफल रहना। अप्रैल 2021 में पेश की गई एक जांच रिपोर्ट में ब्रिकवर्क के खिलाफ कई प्रतिकूल टिप्पणियां की गई थीं, जिसके बाद यह सिफारिश की गई थी कि इसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाना चाहिए।
