कर राजस्व में सुधार के साथ राजकोषीय घाटे में वित्त वर्ष 2021 के दौरान 50,000 से 90,000 करोड़ रुपये की कमी आ सकती है, ऐसे में सरकार के लिए मार्च में बाकी बची उधारी (अनुमानित 49,000 करोड़ रुपये) को रद्द करने की गुंजाइश बन सकती है। इक्रा का कहना है कि इससे 10 वर्षीय बेंचमार्क का प्रतिफल करीब 8 से 12 आधार अंक कम हो सकता है।
सरकार के संभावित कदमों के अलावा भारतीय रिजर्व बैंक भी ओपन मार्केट ऑपरेशन के जरिए हरकत में आ सकता है, जिससे बॉन्ड प्रतिफल को नीचे लाने में मदद मिलेगी। यह कहना है ट्रेजरी अधिकारियों व बॉन्ड डीलरों का।
बेंचमार्क का प्रतिफल 6.22-23 फीसदी से 6.10-12 फीसदी के स्तर पर आ सकता है। 5.85 फीसदी सरकारी प्रतिभूति 2030 का प्रतिफल शुरुआत से 35 आधार अंक बढ़कर 5 मार्च, 2021 को कारोबारी सत्र में 6.23 फीसदी पर पहुंच गया। हाल के हफ्तों में बढ़ोतरी अनुमान से ज्यादा राजकोषीय घाटे और वित्त वर्ष 2021 व वित्त वर्ष 2022 की उधारी, अमेरिकी ट्रेजरी प्रतिफल में इजाफा और कच्चे तेल की कीमतों में मजबूती के कारण हुई थी। जन स्मॉल फाइनैंस बैंक के ट्रेजरी प्रमुख गोपाल त्रिपाठी ने कहा, इस साल का उधारी कार्यक्रम पूरा होने के करीब है। प्रतिफल मेंं कुछ नरमी देखने को मिल सकती है। ओएमओ या नीलामी कैलेंडर के रद्दीकरण (सरकार की तरफ से बाजार से उधारी न लेने का फैसला) या दोनों की घोषणा के जरिये बाजार सकारात्मकता की उम्मीद कर रहा है।
