निफ्टी और सेंसेक्स में शुक्रवार को छठे दिन गिरावट दर्ज की गई और इस तरह से दो साल में इन सूचकांकों के लिए यह सबसे खराब सप्ताह रहा।
पूर्ववर्ती सप्ताह के मुकाबले इस सप्ताह सेंसेक्स 5.4 प्रतिशत या 2,943 की गिरावट के साथ 51,360.4 पर बंद हुए। वहीं दूसरी तरफ, निफ्टी पिछले सप्ताह से 5.9 प्रतिशत की गिरावट के साथ 15,293.50 पर बंद हुआ। निफ्टी मिडकैप 100 सूचकांक और निफ्टी स्मॉलकैप 100 सूचकांक में 6.2 प्रतिशत और 7.9 प्रतिशत की कमजोरी दर्ज की गई।
8 मई 2020 के बाद यह बाजार के लिए सबसे खराब सप्ताह था। मई 2020 में कोविड-19 की वजह से बाजार में बड़ी साप्ताहिक गिरावट दर्ज की गई थी।
शुक्रवार को सेंसेक्स की कंपनियों में टाइटन में सबसे अधिक 6.06 प्रतिशत की गिरावट हुई। विप्रो, डॉ रेड्डीज, एशियन पेंट्स, सन फार्मा, एलऐंडटी, अल्ट्राटेक सीमेंट और पावरग्रिड के शेयर भी गिरावट में रहे। वहीं दूसरी तरफ बजाज फाइनैंस, बजाज फिनसर्व, आईसीआईसीआई बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईटीसी, एचडीएफसी बैंक और टाटा स्टील के शेयर लाभ के साथ बंद हुए।
शेयर बाजारों में पिछले छह दिनों से जारी गिरावट के कारण निवेशकों को 18.17 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। वैश्विक स्तर पर कई केंद्रीय बैंकों की तरफ से ब्याज दरों में वृद्धि, कच्चे तेल की कीमतों में उछाल और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की घरेलू शेयर बाजारों से लगातार पूंजी निकासी से स्थानीय शेयर बाजारों में पूरे सप्ताह गिरावट रही।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘केंद्रीय बैंकों के आगे भी नीतिगत दरों में बड़ी वृद्धि के संकेत को देखते हुए विदेशी निवेशकों की लगातार निकासी जारी रहने की संभावना है। घरेलू बाजार में अल्प अवधि में उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी रहेगा।’ (साथ में भाषा)
