शुक्रवार को बैंकिंग शेयरों में बिकवाली दबाव देखा गया। एनएसई पर बैंकिंग शेयरों के प्रदर्शन का मापक निफ्टी बैंक सूचकांक दिन के कारोबार में करीब दो प्रतिशत गिर गया था। निफ्टी-50 सूचकांक में करीब 1 प्रतिशत की कमजोरी दर्ज की गई।
विश्लेषकों का कहना है कि बैंकिंग शेयरों में भारी बिकवाली अमेरिका स्थित सिलीकॉन वैली बैंक (SVB) में हुए घटनाक्रम की वजह से आई। SVB ने अपने पोर्टफोलियो में भारी नुकसान होने की वजह से बड़ी शेयर बिक्री की घोषणा की।
SVB की पैतृक कंपनी SVB Financial Group ने अपने पोर्टफोलियो से 21 अरब डॉलर मूल्य के शेयर बेचे। रिपोर्टों से पता चला है कि स्टार्टअप उद्योग में मंदी की वजह से बैंक में जमाओं की बड़ी निकासी को बढ़ावा मिला है।
इक्विनोमिक्स रिसर्च ऐंड एडवायजरी के संस्थापक एवं मुख्य निवेश अधिकारी जी चोकालिंगम के अनुसार, भारतीय बैंकिंग शेयरों में गिरावट अमेरिका में हुए घटनाक्रम की वजह से आई। उनका मानना है कि इस गिरावट का इस्तेमाल लंबी अवधि के नजरिये से अच्छी गुणवत्ता वाले शेयर खरीदने के लिए किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘बैंकिंग शेयरों में गिरावट अमेरिका में हुए घटनाक्रम की प्रतिक्रिया है, जिसका असर जल्द दूर हो सकता है। भारतीय बैंकों को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है। एसोचैम के एक ताजा अध्ययन में यह भी सुझाव दिया गया कि बैंकिंग उद्योग में सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (NPA) वर्ष 2024 तक घटकर एक दशक के निचले स्तर पर आ जाएंगी। इसके अलावा, घरेलू बैंकिंग ऋण करीब 15 प्रतिशत बढ़ सकते हैं, जो एक दशक का ऊंचा स्तर है। जहां इस ऋण वृद्धि में उद्योग की भागीदारी घट रही है, वहीं उपभोक्ता ऋणों (जिन्हें ज्यादा मजबूत माना जाता है) में तेजी आ रही है।’
अमेरिकी हेज फंड Hedonova में मुख्य निवेश अधिकारी सुमन बनर्जी का भी मानना है कि भारतीय बैंकिंग व्यवस्था मजबूत बनी हुई है। हालांकि उनका मानना है कि निफ्टी बैंक सूचकांक में कमजोरी आएगी, जिससे बैंकिंग शेयरों में खरीदारी का अच्छा अवसर पैदा होगा।
बनर्जी ने कहा, ‘भारतीय बैंकिंग व्यवस्था वैश्विक समस्याओं से काफी हद तक दूर बनी हुई है। भारतीय बैंक विदेशी कंपनियों को ज्यादा उधार नहीं देते हैं। शुद्ध विदेशी उधारी उनके कुल ऋण बहीखाते का 4 प्रतिशत से कम है। तकनीकी तौर पर, निफ्टी बैंक सूचकांक को 39,500 के स्तर पर मजबूत समर्थन हासिल है, जिसके जल्द टूटने का अनुमान है। मैं निफ्टी बैंक सूचकांक 36,000 के आसपास पहुंचने पर शेयर खरीदना पसंद करूंगा।’
चोकालिंगम का भी मानना है कि निवेशक बैंकिंग क्षेत्र पर चयन पर जोर दें। उनके पसंदीदा शेयरों में बैंक ऑफ बड़ौदा, एचडीएफसी बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र मुख्य रूप से शामिल हैं।