विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने पिछले 12 महीने में 2 लाख करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की है, जो वैश्विक आर्थिक संकट के बाद की सबसे तेज रफ्तार है। बिकवाली की उनकी प्रवृत्ति के विश्लेषण से पता चलता है कि जून 2021 के बाद से एफपीआई की बिकवाली में वित्तीय व सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की हिस्सेदारी 90 फीसदी से ज्यादा रही।
एफपीआई ने वित्तीय क्षेत्र में 1.1 लाख करोड़ रुपये की बिकवाली की जबकि आईटी में उनकी बिकवाली 76,000 करोड़ रुपये से ज्यादा रही। इसके बाद वित्तीय क्षेत्र में एफपीआई की ऐसेट अंडर कस्टडी इस साल जून में 12.8 लाख करोड़ रुपये रही, जो एख साल पहले के 15.2 लाख करोड़ रुपये से कम है। आईटी क्षेत्र में ऐसेट अंडर कस्टडी एक साल पहले के 5.7 लाख करोड़ रुपये से घटकर 5 लाख करोड़ रुपये रह गई। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के विश्लेषकों विनोद कार्की और नीरज करनानी ने एक नोट में कहा है, 12 महीने के लिहाज से ज्यादातर बिकवाली वित्तीय क्षेत्र और आईटी (93 फीसदी योगदान) में संकेंद्रित रही। इसके अलावा एफएमसीजी, अन्य सेवाओं और कंस्ट्रक्शन मैटीरियल का भी योगदान बिकवाली में र हा। उधर, इस अवधि में धातु, बिजली, डिस्क्रिशनरी कंजम्पशन और दूरसंचार के क्षेत्र में निवेश हुआ।
एफपीआई अब वित्तीय व आईटी में अंडरवेट हैं, जो एतिहासिक तौर पर सबसे ज्यादा तरजीही क्षेत्र रहे हैं।
बाजार पर नजर रखने वालों का कहना है कि एफपीआई ने खास तौर पर इन दोनों क्षेत्रों पर नकारात्मक रुख अख्तियार नहीं किया है बल्कि इन दोनों मुख्य क्षेत्रों में काफी फ्री फ्लोट को देखते हुए ये क्षेत्र आसानी से एफपीआई की खरीद-बिक्री को समाहित कर सकते हैं।
