जहां दुनिया कोविड-19 महामारी से मुकाबले के लिए टीके का इंतजार कर रही है, वहीं कई विश्लेषक इन टीकों के भंडारण एवं परिवहन से संबंधित चिंताओं को लेकर सतर्क हैं। कोविड-19 वैक्सीन को तापमान-नियंत्रित भंडारण और बेहद महत्वपूर्ण लॉजिस्टिक की जरूरत है जिसने इन्हें परिवहन और रखरखाव को एक जोखिमपूर्ण व्यवसाय बना दिया है। विश्लेषकों का मानना है कि निवेशकों के लिए बेहतर यही होगा कि वे चयनित रुख अपनाएं और लॉजिस्टिक शेयरों की अंधाधुंध खरीदारी न करें।
विश्लेषकों का कहना है कि टीकों का भंडारण और परिवहन एक विशिष्ट सेगमेंट होगा और इसका लाभ सभी लॉजिस्टिक्स एवं परिवहन कंपनियों को नहीं मिलेगा। उदाहरण के लिए, फाइजर के टीके को -60 या -70 डिग्री सेल्सियस तापमान में रखे जाने की जरूरत होगी। जहां कुछ कंपनियां हैं जो इसके लिए तैयार हो रही हैं, वहीं अन्य को इस संबंध में जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने होंगे, जो खर्चीली प्रक्रिया है और इसमें काफी समय लगेगा।
खबरों के अनुसार, लक्जमबर्ग में मुख्यालय वाली बी मेडिकल सिस्टम्स भारत में कोविड-19 के लिए कोल्ड चेन स्थापित करने के लिए वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों, वैज्ञानिकों और राजनयिकों के साथ बातचीत की योजना बना रही है। कंपनी अपने भारतीय भागीदारों के साथ देश में संयंत्र लगाने की संभावना तलाश रही है और वह विशेष रेफ्रिजरेटेड वैक्सीन ढुलाई बॉक्स और फ्रीजर्स की आपूर्ति करना चाहती है। खबरों में कहा गया है कि -80 डिग्री सेल्सियस पर वैक्सीन स्टोर करने के लिए स्वयं की प्रौद्योगिकी से संपन्न इस कंपनी ने गुजरात में संयंत्र लगाने की योजना बनाई है। उसके द्वारा ऐसे बॉक्स आयात किए जाने की संभावना है जिनका इस्तेमाल उत्पादन शुरू होते ही जल्द से जल्द टीकों की ढुलाई में किया जा सकेगा।
फाइजर भी अपने टीके के लिए तापमान संबंधी व्यवस्था के लिए कोल्ड स्टोरेज की योजना पर काम कर रही है, और उसके टीके के लिए -70 डिग्री सेल्सियस की आवश्यकता होगी।
आईडीबीआई कैपिटल में शोध प्रमुख ए के प्रभाकर ने कहा, ‘कई भारतीय लॉजिस्टिक कंपनियों के पास कोविड-19 टीके के भंडारण एवं परिवहन के लिए मौजूदा समय में सुविधा नहीं है। आगे चलकर इस सुविधा को तैयार किया जा सकेगा, लेकिन इसके लिए भारी पूंजीगत खर्च की जरूरत होगी। मजबूत बैलेंस शीट वाली कंपनियां इस सेगमेंट में सक्रियता दिखा सकती हैं। इनमें ब्लू डार्ट, स्नोमैन और महिंद्रा लॉजिस्टिक्स नकदी संपन्न हैं और नाइश ट्रांसपोर्टेशन सेगमेंट में है और उन्हें इसका लाभ मिल सकता है। ट्रक अैर अन्य तरह के ट्रांसपोर्टरों को लाभ नहीं मिलेगा।’
शेयर बाजारों पर, कई लॉजिस्टिक और परिवहन संबंधित शेयरों में मार्च 2020 के निचले स्तरों से अच्छी तेजी आई है। एसीई इक्विटी डेटा से पता चलता है कि इन शेयरों में अलकारगो लॉजिस्टिक्स, एजिस लॉजिस्टिक्स, ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, सिकल लॉजिस्टिक्स और स्नोमैन लॉजिस्टिक्स में तब से 78 प्रतिशत से 189 प्रतिशत के बीच तेजी आ चुकी है। तुलना में, बीएसई सेंसेक्स और एसऐंडपी बीएसई मिडकैप सूचकांकों ने तब से 69 और 77 प्रतिशत के बीच प्रतिफल दिया है। आंकड़े से पता चलता है कि हालांकि तब से स्मॉलकैप सूचकांक करीब 95 प्रतिशत चढ़ा है।
इक्विनोमिक्स रिसर्च के संस्थापक एवं मुख्य निवेश अधिकारी जी चोकालिंगम के अनुसार, लॉजिस्टिक और परिवहन कंपनियों के शेयरों में मार्च 2020 के निचले स्तरों से आई इस तेजी में ज्यादा योगदान कोविड-19 महामारी की वजह से ऑनलाइन ऑर्डरों में हुई अचानक वृद्घि का है। उनका कहना है कि कोविड-19 टीके के वितरण ने इन शेयरों को एक नई जिंदगी दी है, भले ही यह तेजी अल्पावधि के लिए हो।
चोकालिंगम कहते हैं, ‘पिछले कुछ महीनों के दौरान ऑनलाइन ऑर्डरिंग में आई तेजी की रफ्तार अगले कुछ महीनों में फीकी पडऩे के आसार हैं, क्योंकि कई लोग कार्य के लिए अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं और निर्माण गतिविधि में तेजी आई है। मार्च 2020 के निचले स्तरों से इन शेयरों में आई भारी तेजी को देखते हुए निवेशकों को लॉजिस्टिक्स और परिवहन खंड में चयनशील बने रहने की सलाह है। बड़ा मुनाफा कमा चुके निवेशक मुनाफावसूली भी शुरू कर सकते हैं।’
मसाला बॉन्ड की पुनर्खरीद करेगी एनटीपीसी
बिजली कंपनी एनटीपीसी ने अपने बॉन्डधारकों या ऋणदाताओं से 4,000 करोड़ रुपये के मसाला बॉन्ड की पुनर्खरीद की पेशकश की है। मसाला बॉन्ड भारतीय रुपये में देश से बाहर जारी किए जाते हैं। एनटीपीसी ने 4,000 करोड़ रुपये के मसाला बॉन्ड की पुनर्खरीद की पेशकश की है। कंपनी ने सोमवार को बयान में कहा कि इस पेशकश के तहत 10 अगस्त, 2016 को रुपये मूल्य में जारी 2,000 करोड़ रुपये के 7.375 फीसदी नोट्स की वापस खरीद की जाएगी। इन बॉन्ड का भुगतान 10 अगस्त, 2021 (2021 नोट्स) को किया जाना है। कंपनी के 2021 नोट्स फिलहाल सिंगापुर एक्सचेंज सिक्योरिटीज ट्रडिंग लि, आदि में सूचीबद्ध हैं। भाषा