कोरोनावायरस के कारण हुए लॉकडाउन के बीच भारी बिकवाली के दबाव में आए वाहन कंपनियों के शेयरों में काफी तेज सुधार देखने को मिला है और ऑटो इंडेक्स ने मार्च के निचले स्तर से 70 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की है। 23 मार्च के निचले स्तर से निफ्टी में हालांकि 49 फीसदी की ही रिकवरी हुई है।
वाहन कलपुर्जा और वाणिज्यिक वाहन कंपनियों के शेयरों में अच्छी खासी बढ़ोतरी हुई है। 23 मार्च के निचले स्तर से बीएसई ऑटो इंडेक्स में सबसे ज्यादा बढ़त हासिल करने वालों में मदरसन सूमी (120 फीसदी), महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (107.7 फीसदी), बालकृष्ण इंडस्ट्रीज (95.3 फीसदी), अशोक लीलैंड (92.6 फीसदी), अमर राजा बैटरीज (90.2 फीसदी) शामिल हैं। विशेषज्ञों ने कहा कि बाजार के अनुमान के उलट वाहन क्षेत्र में सुधार दिख रहा है। सारथी ग्रुप के पार्टनर व मुख्य निवेश अधिकारी कुंज बंसल ने कहा, हम काफी उत्साहजनक संकेत देख रहे हैं। जुलाई और अगस्त में मांग टिकी रही, जिसे द्वितीयक बिक्री के जरिए देखा जा सकता है।
विश्लेषकों ने जून तिमाही के आंकड़ों के बाद वित्त वर्ष 2021 और वित्त वर्ष 2020 के बिक्री अनुमानों में संशोधन करना शुरू कर दिया है। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंेंशियल सर्विसेज के विश्लेषकों ने एक नोट में कहा है, मांग में सुधार ने मूल उपकरण विनिर्माताओं और डीलरों को चौंका दिया। देसी संस्थागत निवेशक वाहन क्षेत्र को अपना आवंटन बढ़ा रहे हैं। जून तिमाही में देसी संस्थागत निवेशकों ने इस क्षेत्र में अपना भारांक तिमाही दर तिमाही के आधार पर 100 आधार अंक बढ़ाया। इन निवेशकों की तरफ से वाहन क्षेत्रों में बढ़ाया गया भारांक उनका दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा रहा है और ये चीजें मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज की रिपोर्ट से साफ हुई हैं।
दोपहिया और यात्री कार के क्षेत्र में हीरो मोटोकॉर्प (87.8 फीसदी), टाटा मोटर्स (73.5 फीसदी), मारुति सुजूकी (65.6 फीसदी), बजाज ऑटो (57.6 फीसदी), आयशर मोटर्स (57.4 फीसदी) 23 मार्च के बाद से सबसे ज्यादा बढ़त हासिल करने वाली कंपनियों में शामिल हैं।
बंसल ने कहा, वाहन क्षेत्र की रेटिंग काफी नीचे चली गई थी क्योंकि संभावना जताई जा रही ती कि बिक्री में कोविड पूर्व की नरमी इस महामारी में और प्रभावित होगी। हालांकि हमने कुछ सुधार देखा है, जो सकारात्मक अवधारणा को आगे बढ़ा रहा है।
बंसल ने कहा कि वाहन कलपुर्जा कंपनियों के प्रबंधन की टिप्पणी बताती है कि अगस्त व सितंबर के लिए उनका ऑर्डरबुक भरा हुआ है। इसका मतलब यह हुआ कि वाहनों के मूल उपकरण विनिर्माता (ओईएम) मांग में उस तरह का सुधार देख रहे हैं और यही वजह है कि वे वाहन कलपुर्जा कंपनियों को ऑर्डर दे रहे हैं।
कोविड महामारी के प्रसार से वाहन क्षेत्र को गहरा झटका लगा और उसके कारण देश में लॉकडाउन हो गया। बीएसई ऑटो इंडेक्स इस साल 23 मार्च तक 42 फीसदी नीचे था। बंसल ने कहा, कोविड से पहले के माहौल में इस क्षेत्र की रफ्तार स्पष्ट तौर पर काफी नीचे चली गई थी। महामारी के बाद तत्काल मंदी छा गई और अप्रैल में बिक्री शून्य रही। हालांकि मई व जून में कुछ सुधार देखने को मिला।
