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एडवांटेज डेट फंडों के प्रतिफल में तेजी के आसार

लोकप्रिय डेट योजनाओं का प्रतिफल 7.5 प्रतिशत पर पहुंच गया है, जो कोविड के बाद से सर्वा​धिक है

Published by
अभिषेक कुमार
Last Updated- February 23, 2023 | 6:41 PM IST

लगभग दो वर्षों से डेट फंडों का प्रदर्शन कमजोर बना हुआ था। लेकिन इ​क्विटी बाजारों में उतार-चढ़ाव बढ़ने, प्रतिफल में सुधार आने और दर वृद्धि का चक्र अपने अंत के नजदीक होने से अनुमान लगाया जा रहा है कि डेट फंड फिर से निवेशकों का ध्यान आक​र्षित कर सकते हैं।

डेट फंडों का प्रतिफल-परिपक्वता (YTM) अनुपात करीब एक साल से तेजी से बढ़ा है। जनवरी के अंत में, कॉरपोरेट बॉन्ड फंडों और शॉर्ट-ड्यूरेशन फंडों जैसे कॉरपोरेट बॉन्डों का YTM 7.5 प्रतिशत के औसत पर रहा है, जो केविड के बाद से सर्वा​धिक है।

निवेश सलाहकारों का मानना है कि इ​क्विटी बाजार में लगातार अस्थिरता और पिछले एक साल में कमजोर इ​क्विटी फंड प्रतिफल ने भी डेट फंडों के पक्ष में काम किया है। निफ्टी-50 इस साल अब तक 3.5 प्रतिशत नीचे आया है और अक्टूबर 2021 के दौरान दर्ज स्तरों से भी नीचे है।

SBI MF के उप प्रबंध निदेशक एवं मुख्य व्यावसायिक अ​धिकारी डी पी सिंह ने कहा, ‘बैंक जमाओं से बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बावजूद पूंजी प्रवाह छोटे एवं एचएनआई निवेशकों से डेट योजनाओं में आया है।’

प्रमुख बैंकों ने साव​धि जमा (FD) दरें बढ़ाकर लगभग 7 प्रतिशत की हैं, जो मध्याव​धि के डेट फंडों के आसपास हैं। डेट फंडों में दीर्घाव​धि निवेश 20 प्रतिशत कर के दायरे में आता है, जबकि बैंक एफडी से हासिल होने वाले लाभ पर निवेशक के कर स्लैब के हिसाब से कर लगता है।

निवेश सलाहकारों और एमएफ वितरकों का कहना है कि निवेशक करीब दो साल तक दूरी बनाने के बाद अब डेट फंडों में अपनी दिलचस्पी दिखा रहे हैं।

मनीफ्रंट के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्या​धिकारी मोहित गंग का कहना है, ‘एचएनआई निवेशकों ने गिल्ट फंडों और लंबी परिपक्वता वाले फंडों में पैसा लगाना शुरू किया है। इस महीने, मेरे ज्यादातर ग्राहकों ने लंबी अव​धि के फंडों में निवेश की दिलचस्पी दिखाई है, क्योंकि उनका मानना है कि दर वृद्धि का चक्र समाप्त होने वाला है।’

क्रेडेंस वेल्थ एडवायजर्स के संस्थापक कीर्तन शाह का मानना है कि निवेशकों ने अब डेट फंडों में अपना ध्यान बढ़ाया है। उनका कहना है कि मौजूदा समय में निवेश करने वालों को अतिरिक्त वर्ष का इंडेक्सेशन लाभ मिलेगा, क्योंकि यह वित्त वर्ष भी इसमें शामिल होगा।

हालांकि निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ने से डेट फंडों में बहुत ज्यादा तेजी नहीं आ सकती है। जहां छोटे और अमीर निवेशक फिर से डेट योजनाओं पर ध्यान दे रहे हैं, वहीं संस्थानों से निवेश का अभाव बना रह सकता है।

First Published : February 23, 2023 | 6:41 PM IST