इंडिया डेडिकेटेड फंडों से जुलाई में 41.7 करोड़ डॉलर की निकासी हुई, जिसकी अगुआई गैर-ईटीएफ ने की और इसके जरिये कुल 36.5 करोड़ डॉलर की निकासी हुई। इस तरह से कैलेंडर वर्ष 2021 में इस श्रेणी से कुल निकासी 2.5 अरब डॉलर तक पहुंच गई। यह जानकारी कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज की तरफ से संग्रहित ईपीएफआर आंकड़ों से मिली।
ग्लोबल इमर्जिग मार्केट फंडों से भारत में निवेश जुलाई में 45.9 करोड़ डॉलर रहा, जिसमें गैर-ईटीएफ के जरिए 31.8 करोड़ डॉलर का निवेश हुआ और कैलेंडर वर्ष 2021 में कुल निवेश 5.6 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इंडिया डेडिकेटेड, ग्लोबल इमर्जिंक मार्केट फंडों व अन्य श्रेमी के फंडों में कैलेंडर वर्ष 21 में भारत में कुल 6.1 अरब डॉलर रहा।
इंडिया डेडिकेटेड फंडों की कुल प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां जुलाई तक 9.6 फीसदी बढ़कर 42.6 अरब डॉलर हो गई। ग्लोबल इमर्जिंग मार्केट फंडों का एयूएम इस अवधि में 23 फीसदी की उछाल के साथ 139.4 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
सूचीबद्ध ईएम फंडों में प्रवाह ज्यादातर देशों के लिए सकारात्मक रहा। चीन ने 5.2 अरब डॉलर का निवेश हासिल किया, उसके बाद ताइवान व दक्षिण कोरिया का स्थान रहा, जहां क्रमश: 97.9 करोड़ डॉलर और 21.9 करोड़ डॉलर निवेश हुआ।
ईपीएफआर फंड फ्लो के आंकड़े मोटे तौर पर म्युचुअल फंड, ईटीएफ, क्लोज्ड एंडेड फंडों, वैरिएबल एन्युटी फंडों और बीमा से जुड़ाव वाले फंडोंं को ट्रैक करते हैं। इसमें हेज फंडों, प्रोप्राइटरी डेस्क और सॉवरिन वेल्थ फंडोंं की तरफ से निवेश शामल नहीं होते, जो एनएसडीएल ट्रैक करती है। एशिया (जापान को छोड़कर) फंड पोर्टफोलियो के औसत में चीन व भारत को आवंटन की हिस्सेदारी 47 फीसदी है। एशिया (जापान को छोड़कर) फंडों की तरफ से भारत को आवंटन जुलाई में 14.8 फीसदी बढ़ा, जो एक महीने पहले 13.5 फीसदी रहा था।