एशिया-प्रशांत क्षेत्र में फाइनैंंशियल टेक्नोलॉजी (फिनटेक) निवेश को लेकर भारत अग्रणी बना हुआ है और 2021 की तीसरी तिमाही में 66 सौदों के जरिये भारत में 1.93 अरब डॉलर का निवेश हुआ। एसऐंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस के नोट से यह जानकारी मिली।
कुल मिलाकर एशियाई फिनटेक कंपनियों में निवेश क्रमिक आधार पर तीसरी तिमाही में 68 फीसदी बढ़कर 5.47 अरब डॉलर पर पहुंचा और इस तरह से 2019 की पहली तिमाही के बाद तिमाही निवेश की यह नई ऊंचाई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि लेनदेन की संख्या भी 21 फीसदी बढ़कर 216 हो गई।
एपीएसी क्षेत्र की फिनटेक कंपनियों में निवेश की रफ्तार मुख्य रूप से 10 करोड़ डॉलर वाले लेनदेन की संख्या में इजाफे के कारण बढ़ी। रिपोर्ट में कहा गया है कि डिजिटल चैनल की ओर शिफ्टिंग को बढ़ते मूल्यांकन का सहारा मिला, जिसमें फंडामेंटल में सुधार का आंशिक योगदान हो सकता है।
एसऐंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस के फिनटेक विश्लेषक सी. गोह ने कहा, हालांकि इससे यह भी प्रतिबिंबित हो सकता है कि फिनटेक क्षेत्र को लेकर तेजी का नजरिया रखने के कारण निजी निवेशकों की तरफ से ज्यादा गुणक का भुगतान करने की इच्छा रही। एपीएसी की नई सूचीबद्ध फिनटेक फर्मों को लेकर सार्वजनिक बाजारों की प्रतिक्रिया सकारात्मक रही है, जो इस इलाके में और फिनटेक निवेश को प्रोत्साहित कर सकता है। खास तौर से हम दक्षिण पूर्व एशिया की फिनटेक फर्मों से ज्यादा पूंजी आकर्षित करने की उम्मीद कर रहे हैं क्योंंकि उद्यम पूंजीवादियों ने इस इलाके में तकनीक पर निवेश दोगुना करने के लिए नई रकम जुटाई है।
इस बीच, दक्षिण पूर्व एशिया में फिनटेक निवेश तिमाही दर तिमाही दोगुना होकर 1.90 अरब डॉलर पर पहुंच गया जबकि सौदे का वॉल्यूम 32 फीसदी बढ़कर 62 सौदे तक पहुंचा।
विशेषज्ञों को लग रहा है कि आने वाले समय में फिनटेक क्षेत्र में तेजी से बदलाव होगा क्योंंकि ग्राहकों व मर्चेंट के डिजिटलीकरण से वित्तीय सेवा मुहैया कराने के लिए ऐसी कंपनियों के सामने नई संभावनाओं के द्वार खुलेंगे।
