भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के करीब 1.08 करोड़ पॉलिसीधारकों ने अपनी पॉलिसियों को पैन से जोड़ा और डीमैट खाता खुलवाया है। इससे सरकार और एलआईसी के अधिकारियों में एलआईसी के आने वाले आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) में पॉलिसीधारकों के आरक्षण की सदस्यता को लेकर विश्वास जगा है।
एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि एलआईसी द्वारा चिह्नित 5 करोड़ विशिष्ट पॉलिसीधारकों के पास करीब 28.2 करोड़ पॉलिसी है। इनमें से आईपीओ आरक्षण के लिए पात्र व्यक्तियों की संख्या 1 करोड़ के पार जाना सरकार की उम्मीद से ऊपर है। 30 सितंबर, 2021 को एलआईसी के पास 28.2 करोड़ पॉलिसी सक्रिय थी लेकिन पॉलिसीधारकों के पास एक से अधिक पॉलिसी थी जिससे विशिष्ट पॉलिसीधारकों की संख्या सक्रिय पॉलिसियों के मुकाबले कम है।
पॉलिसीधारकों की मौजूदा पॉलिसियों से पैन को जोडऩे की समयसीमा 28 फरवरी को समाप्त हो गई। सरकार ने एलआईसी आईपीओ के पेशकश आकार का 10 फीसदी पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित किया है जो कि इक्विटी शेयरों के आवंटन मूल्य के अधीन है। यह मूल्य 2 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। पॉलिसीधारकों से मिली उम्मीद से बेहतर प्रतिक्रिया ने सरकारी अधिकारियों और एलआईसी के बीच पॉलिसीधारकों के आरक्षण की सदस्यता को लेकर उत्साह भर दिया है।
पॉलिसीधारकों के कोटा के लिए पात्र बनने के लिए व्यक्ति के पास 13 फरवरी तक एलआईसी की एक पॉलिसी होनी चाहिए थी। 13 फरवरी को ही एलआईसी ने अपने पेशकश दस्तावेजों को दाखिल किया था।
एलआईसी ने मीडिया अभियान चलाकर अपनी पेशकश की सदस्यता लेने के लिए पॉलिसीधारकों से अपनी व्यक्तिगत जानकारियों और पैन को अपलोड करने तथा डीमैट खाता खुलवाने के लिए कहा था।
उक्त अधिकारी ने कहा कि अंतत: यह पॉलिसीधारकों की इच्छा पर निर्भर करता है कि वे इक्विटी बाजार में निवेश करना चाहते हैं अथवा नहीं। उन्होंने कहा कि कुछ पॉलिसीधारक जोखिम में नहीं पडऩा चाहते और इस वजह से इक्विटी में निवेश नहीं करना चाहते हैं।
अधिकरी ने कहा कि यह उम्मीद करना सही नहीं है कि सभी 5 करोड़ पॉलिसीधारक डीमैट खाता खुलावाएंगे सरकार ने कभी इसकी परिकल्पना भी नहीं की थी।
