संधिवात गठिया में आयुर्वेदिक उपचार के असर को परखने के लिए दुनिया का पहला मल्टीसेंटर फेज-3 क्लीनिकल परीक्षण आगामी मई में भारत में शुरू होगा। 240 वॉलंटियर का यह परीक्षण देश के तीन शहरों- कोयंबत्तूर, बेंगलूरु और मुंबई में इंटरनैशनल कॉउन्सिल फॉर हॉरमॉनिजेशन ऑफ टेक्निकल फार्मास्यूटिकल्स फॉर ह्यूमन यूज – गुड क्लीनिकल प्रैक्टिस (आईसीएच-जीसीपी) के दिशानिर्देशों के अनुसार आयोजित किया जाएगा।
आयुष मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि इस परीक्षण पर लॉस एंजलिस की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफॉर्निया के रुमेटॉलॉजिस्ट डैनियल एरिक फुस्र्ट बारीकी से नजर रखेंगे।
बयान में कहा गया है कि यह परियोजना संधिवात गठिया के उपचार में आयुर्वेद की कारगरता पर पहले मल्टीसेंटर फेज-3 वाले डबल ब्लाइंड डबल क्लीनिकल परीक्षणों में से एक है। इसका संचालन आर्य वैद्य फार्मेसी (कोयंबत्तूर) लिमिटेड से संबद्ध शोध संस्थान एवीपी रिसर्च फाउंडेशन तथा आयुष मंत्रालय के अंतर्गत भारत सरकार की एजेंसी केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) द्वारा किया जाएगा।
एवीपी रिसर्च फाउंडेशन के निदेशक और इस अध्ययन के सह-अनुसंधानकर्ता सोमित कुमार ने कहा कि यह डबल ब्लाइंड डबल डमी आकस्मिक क्लीनिकल परीक्षण एएमआरए संधिवात में आयुर्वेद अनुसंधान को वैश्विक स्तर पर ले जाएगा।
आयुष मंत्रालय ने दावा किया है कि ऑर्थराइटिस एसोसिएशन ऑफ साउथ कैलिफोर्निया (एएएससी) में क्लीनिकल अनुसंधान के निदेशक तथा पूरक और वैकल्पिक चिकित्सा (सीएएम) के मुखर आलोचक रुमेटोलॉजिस्ट एडजार्ड अन्स्र्ट ने सीएएम के संबंध में भावी अध्ययन के लिए एक प्रारूप के रूप में इस अध्ययन का समर्थन किया है।
उन्होंने इस अध्ययन की रूपरेखा तैयार की है और वह इस पर नजर रखेंगे। बयान में कहा गया है कि डॉ. डेनियल फुस्र्ट ने क्लीनिकल अनुसंधान के मानकों का पालन कर रहे अध्ययन वाले संचालन केंद्रों के सभी अनुसंधानकर्ताओं को प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है, इस तरह आयुर्वेद का वैश्वीकरण हो रहा है। यह अध्ययन मई में शुरू होने की उम्मीद है और अगले दो साल में पूरा होने के आसार हैं।
