जोहो कॉरपोरेशन की आईटी प्रबंधन इकाई मैनेजइंजन के एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि करीब 95 फीसदी भारतीय कंपनियां कम से कम अगले दो साल तक रिमोट वर्क जारी रखने की योजना बना रही हैं। जोहो कॉरपोरेशन एक तकनीकी कंपनी है, जो वेब आधारित कारोबारी टूल बनाती है। इसका मुख्यालय चेन्नई में है।
इस सर्वेक्षण में उत्तरी अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, सिंगापुर और भारत के 1,210 आईटी अधिकारियों और तकनीकी पेशेवरों को शामिल किया गया। भारत में 18 उद्योग श्रेणी में 500 से अधिक कर्मचारियों वाले उद्यमों के 202 उत्तरदाताओं ने सर्वेक्षण पूरा किया। इस सर्वेक्षण के मुताबिक 89 फीसदी उत्तरदाताओं का कहना है कि घर से काम की नीति को लागू करने से उनके संगठनों के समक्ष आने वाली सुरक्षा चुनौतियां बढ़ी हैं। विशेष रूप से शैडो आईटी से पैदा जोखिम अधिक हैं क्योंकि 89 फीसदी कंपनियों का उन सॉफ्टवेयर पर कोई नियंत्रण नहीं है जो कर्मचारी खरीदते हैं और अपने डिवाइस में इंस्टॉल करते हैं।
कोविड-19 महामारी के कारण कम से कम 97 फीसदी कंपनियों ने क्लाउड समाधानों पर अपनी निर्भरता बढ़ाई है। करीब 96 फीसदी ने कहा कि उन्होंने बिज़नेस एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग में बढ़ोतरी दर्ज की है और एआई कारोबारी ज्ञान, परिचालन और ग्राहक संतुष्टि में इजाफा कर रहा है। अध्ययन के मुताबिक उद्यम कोविड फैलने के बाद से डेटा आधारित तरीके अपनाने लगे हैं। 10 अधिकारियों और आईटी पेशेवरों में से नौ ने कहा कि महामारी से क्लाउड का इस्तेमाल बढ़ा है। करीब 91 फीसदी कंपनियों ने कहा कि एआई में भरोसा बढ़ा है और इसकी बदौलत ही 89 फीसदी कंपनियों के नतीजे बेहतर रहे हैं।
इस अध्ययन में यह भी कहा गया है कि भविष्य में कंपनी की अगुआई के लिए तकनीकी नेतृत्वकर्ता टीम में काफी अधिक भरोसा जताया जा रहा है। इसकी पुष्टि इस बात से होती है कि 86 फीसदी उत्तरदाताओं का मानना है कि आईटी अगुआ बिक्री, विपणन और वित्त जैसे अन्य विभागों के अगुआओं की तुलना में मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) का पदभार ग्रहण करने के लिए बेहतर तैयार और योग्य हैं।
यह रिपोर्ट दर्शाती है कि आईटी की कारोबार में भूमिका बढ़ गई है, विशेष रूप से मौजूदा जैसे समय में। मैनेजइंजन के उपाध्यक्ष (उत्पाद) राजेश गणेशन ने कहा, ‘कंपनियां यह महसूस कर रही हैं कि गतिशील, त्वरित और डेटा आधारित फैसले खुद को दूसरों से अलग दिखाने और शानदार ग्राहक अनुभव मुहैया कराने में अहम हैं, जिससे एआई और डीप एनालिटिक्स में उनकी निर्भरता बढ़ती है।’ मैनेजइंजन पिछले एक साल के दौरान 35 फीसदी बढ़ी है, जबकि क्लाउड प्लेटफॉर्म और ऐप्लिकेशन (जोहो के अंतर्गत) ने करीब 50 फीसदी वृद्धि दर्ज की है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘कंपनियां क्लाउड पेशकश से प्रदर्शन, विश्वसनीयता और सुरक्षा सुधारना चाहती हैं। सुरक्षा पर जोर सर्वोच्च प्राथमिकता है क्योंकि सर्वेक्षण में शामिल ज्यादातर लोगों ने कहा कि घर से काम कर रहे कर्मचारी सुरक्षा जोखिम बढ़ाते हैं, विशेष रूप से फिशिंग, कर्मचारियों के डिवाइस को निशाना बनाना, मालवेयर, अकाउंट हाइजैकिंग और सोशल मीडिया दुरुपयोग आदि।’ रिमोट कर्मचारियों को सुरक्षा हमलों में निशाना बनाया जा रहा है, लेकिन इसे लेकर कंपनियां अहम कदम नहीं उठा रही हैं।
रिपोर्ट में पाया गया कि भारत उन नए कौशल में वैश्विक औसत की अगुआई कर रहा है, जिन्हें आईटी पेशेवरों को सीखने की जरूरत है। इस सूची में सार्वजनिक क्लाउड सबसे ऊपर है। भारतीय कंपनियां विश्वसनीयता, सुरक्षा और प्रतिस्पर्धी क्षमता में सुधार के लिए नई तकनीक अपना रही हैं। इसने कहा कि भारतीय कंपनियां बिज़नेस एनालिटिक्स और एआई के इस्तेमाल में अन्य सभी की अगुआई करती हैं।
