वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि भारत में जापान के निवेशकों को आ रही चुनौतियों के समाधान पर अंतरमंत्रालयी समूह विचार करेगा। उन्होंने जापान के साथ ज्यादा द्विपक्षीय व्यापार की वकालत की।
इन्वेस्ट इंडिया एक्सक्लूसिल इन्वेस्टमेंट फोरम के तीसरे सम्मेलन को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा कि जापान की 50 कंपनियां चार अलग सत्रों में सरकार से मिलेंगी। इनमें से आधी कंपनियां संभावित निवेशक हैं, जबकि अन्य आधी पहले से ही भारत में काम कर रही हैं।
जापान की कंपनियों के लिए डिजिटल रोड शो में कपड़ा, भारी उद्योग, औषधि, खाद्य प्रसंस्करण के अलावा अन्य मंत्रालयों के शीर्ष अधिकारियों ने कहा कि जापान के संभावित निवेशकों के लिए भारत एक लुभावना केंद्र है। जापान भारत में निवेश करने वाला चौथा बड़ा देश है, जिसने 2000 से 33.49 अरब डॉलर या कुल निवेश का 7.13 प्रतिशत निवेश किया है।
जापान के अर्थ, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री हिरोशी काजीयामा ने कहा कि जापानी कंपनियां इस समय भारत में 200 से ज्यादा निवेश योजनाओं पर काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस महामारी के कारण इसमें से तमाम का काम सुस्त पड़ गया है।
गोयल ने कहा, ‘इस समय दुनिया कोविड-19 के दुश्चक्र से बाहर निकल रही है, ऐसे में भारत सरकार न सिर्फ कारोबारी समुदाय के लिए रणनीतिक और कार्ययोजना तैयार कर रही है बल्कि वैश्विक निवेशकों की भी राह आसान कर रही है, जिससे वे भारत को निवेश के लिए तरजीही केंद्र के रूप में देख सकें।’ भारत और जापान के नजदीकी संबंधों पर जोर देते हुए गोयल ने कहा कि दोनों देशों के आर्थिक और रणनीतिक क्षेत्र में साझा हित हैं।
मंत्री ने कहा, ‘भारत में जापान की दिलचस्पी कई वजहों से बढ़ रही है। भारत बड़ा और बढ़ता बाजार है। बड़ी आबादी और उपभोक्ताओं के बढ़ते आधार की वजह से जापानी निवेशकों के लिए भारत तरजीही केंद्र है। इस समय भारत में 1400 से ज्यादा जापानी कंपनियां काम कर रही हैं और जापान के 10,000 से ज्यादा लोग भारत में रह रहे हैं।’
