बीएस बातचीत
मुंबई प्रो कबड्डी लीग फ्रैंचाइज के मालिक रॉनी स्क्रूवाला ने इस साल से मीडिया अधिकारों की स्वतंत्र नीलामी को बढ़ावा दिए जाने के लिए अन्य टीम मालिकों के साथ अहम जिम्मेदारी निभाई है। स्क्रूवाला ने सुरजीत दास गुप्ता के साथ बातचीत में बताया कि उन्हें अधिकारों के लिए वैश्विक और भारतीय कंपनियों द्वारा प्रतिस्पर्धा किए जाने की संभावना है। पेश हैं उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश:
यह पहली बार है जब सभी मीडिया अधिकारों की नीलामी हो रही है। स्टार डिज्नी के साथ पांच वर्षीय सौदा समाप्त करने की वजह क्या है?
स्पोट्र्स प्रबंधन कंपनी मशाल स्पोट्र्स पर आनंद महिंद्रा और चारू शर्मा का स्वामित्व है। हालांकि 6-7 साल पहले स्टार ने इस स्पोर्ट में शामिल होने का निर्णय लिया था और कंपनी में 76 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल की थी। उस समय, टीम मालिकों ने प्रसारक और मीडिया कंपनी द्वारा स्पोटर्स अधिकारों के स्वामित्व को लेकर भी सवाल उठाए थे। यह दुनिया में एक तरह से अप्रत्याशित घटनाक्रम था। रूपर्ट मर्डोक की तरह आक्रामक व्यक्ति (जो स्वयं भारत में स्टार के मालिक थे) ने भी ऐसा नहीं किया। हम सभी ने अपनी चिंताएं दिखाई थीं। हालांकि सौदा पहले ही हो चुका था, हम इस बारे में कुछ नहीं कर सकते थे, लेकिन हम इसे लेकर खुश नहीं थे। स्टार ने हमारे साथ इस तरह से सौदे को पेश किया जिससे कि हम अपनी लागत वसूल सकें। उस समय, हमने एक क्लॉज शामिल किया था कि अधिकार पांच साल बाद पुन: दिए जाएंगे।
कई का कहना है कि स्टार ने क्रिकेट के बाद स्पोट्र्स में एक आकर्षक प्लेटफॉर्म बनाया है। इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
जहां स्टार इंडिया ने स्पोट्र्स के प्रोत्साहन में अच्छा काम किया है, वहीं दूसरा पहलू यह है कि हितों का वाणिज्यिक टकराव काफी व्यापक रहा। वीवो ने पांच साल के लिए टाइटल स्पॉन्सर के तौर पर 300 करोड़ रुपये के सौदे के लिए करार किया था। हमने महसूस किया कि क्रिकेट के सिवाय किसी अन्य खेल को इतनी बड़ी राशि नहीं मिल रही है। इसलिए, जब एक साल पहले स्टार ने इस संबंध में प्रस्ताव रखा और टीम मालिकों ने माना कि बाजार ताकतें कीमत तय करें। इसलिए हमने नीलामी का मार्ग अपनाने का निर्णय लिया। सभी 12 टीमों ने नीलामी के लिए आगे बढऩे का निर्णय लिया। मीडिया और प्रसारण अधिकारों से 80 प्रतिशत राशि फ्रेंचाइजी को और शेष मशाल के पास रहती है।
यह नीलामी कितनी पारदर्शी है, इसे देखते हुए कुछ ने इस पर सवाल उठाए कि क्या स्टार को लीग का मालिक बनकर बड़ा लाभ मिलेगा?
यह नीलामी काफी हद तक बाजार आधारित होने जा रही है। यह एक स्वतंत्र ई-नीलामी है, कोई भी सर्वोच्च बोली सामने आने तक इसमें लगातार बोली लगा सकता है। स्टार को भाग लेने के अलावा, नीलामी में कोई अधिमान्य अधिकार हासिल नहीं है। इसलिए यह पूरी तरह से स्वतंत्र नीलामी है। 80 प्रतिशत लाभार्थी स्वामित्व टीमें हैं। इसलिए, टीमें यह सुनिश्चित करेंगी कि यह पारदर्शी और बाजार-केंद्रित नीलामी हो।
लीग से वैल्यू को लेकर आपकी क्या उम्मीदें हैं?
स्टार के लिए अधिकारों का मैदान काफी बड़ा था, लेकिन उसने सिर्फ विज्ञापन राजस्व पर ध्यान दिया। हॉटस्टार की वैल्यू मुख्य रूप से क्रिकेट और कबड्डी की वजह से है। उसका मुश्किल से ही कोई अन्य कंटेंट है। हालांकि लीग की वैल्यू कबड्डी के लिए 30 करोड़ दर्शकों से आती है, जो काफी अधिक है। इसलिए, क्रिकेट के अलावा, अन्य खेलों को भारत में यह स्तर नहीं मिला है।
क्या आप मान रहे हैं कि ज्यादा संख्या में कंपनियां अधिकारों के लिए बोली लगाएंगी?
हां। ड्री1 11 नाम अधिकारों के साथ खेल अधिकार भी खरीद सकती है। अमेजॉन और फ्लिपकार्ट अधिकारों को खरीद सकती हैं। ओटीटी प्लेटफॉर्म बनाने की संभावना तलाश रही फ्लिपकार्ट एक प्रमुख दावेदार हो सकती है। सोनी की स्पोट्र्स चैनलों के साथ अच्छी साख है। मेरा मानना है कि जियो भी विचार करेगी।