हेलीकॉप्टर दुर्घटना में बुधवार को प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल विपिन रावत की मृत्यु पर पूरा देश हतप्रभ है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने उनकी मौत पर दुख व्यक्त किया।
महाराष्ट्र के दौरे पर आए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बुधवार को राजभवन में दरबार हॉल का उद्घाटन करने वाले थे, लेकिन तमिलनाडु में वायु सेना का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद कार्यक्रम को टाल दिया गया। उप-राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भी जनरल रावत, उनकी पत्नी और अन्य 11 सैन्यकर्मियों की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु पर शोक जताया और कहा कि उन्हें देश की उत्कृष्ट सेवा के लिए हमेशा याद किया जाएगा। नायडू ने कहा कि जनरल रावत, उनकी पत्नी और सशस्त्र बलों के वरिष्ठ अधिकारियों व अन्य की दुखद मृत्यु से गहरा सदमा लगा है।
प्रधानमंत्री ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि पहले रक्षा अध्यक्ष के रूप में उन्होंने रक्षा सुधारों सहित सशस्त्र बलों से संबंधित विभिन्न आयामों पर काम किया और उनके आधुनिकीकरण में बहुत योगदान दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘उन्होंने अत्यंत कर्मठता से भारत की सेवा की। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं।’
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जनरल रावत देश के उन बहादुर सैनिकों में थे जिन्होंने अत्यंत लगन से मातृभूमि की सेवा की। शाह ने एक ट्वीट में कहा, ‘देश के लिए आज का दिन बहुत दुखद है क्योंकि हमने अपने सीडीएस जनरल बिपिन रावत को एक दुखद हादसे में खो दिया। वह बहादुर सैनिकों में एक थे, जिन्होंने अत्यंत लगन से मातृभूमि की सेवा की। उनके उत्कृष्ट योगदानों और प्रतिबद्धता को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। मुझे गहरा आघात पहुंचा है।’
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ट्वीट में लिखा, ‘देश ने कुशल योद्धा, अद्भुत रणनीतिकार और अनुभवी नेतृत्वकर्ता को खो दिया। वह ऊंचे क्षेत्र में युद्ध और उग्रवाद निरोधक अभियानों के महारथी थे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने भी जनरल रावत के निधन पर शोक व्यक्त किया। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जनरल रावत की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो जाने से गुरुवार को अपना जन्मदिन नहीं मनाएंगी। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी जनरल रावत की मृत्यु पर दुख जताया।
इस बीच, जनरल रावत के पैतृक गांव सैणा में शोक की लहर है। उत्तराखंड के पौड़ी जिले के द्वारीखाल ब्लॉक के गांव सैणा का माहौल रावत के निधन से गमगीन हो गया है। कांडाखाल कस्बे से कुछ ही दूरी पर स्थित दिवंगत जनरल रावत के इस छोटे से पैतृक गांव में उनके चाचा भरत सिंह रावत अपने परिवार के साथ रहते हैं। रावत ने बताया, ‘वह किसी काम से कोटद्वार बाजार गए हुए थे लेकिन जैसे ही उन्हें घटना की सूचना मिली वह घर की ओर लौट आए।’
जनरल रावत के 70 वर्षीय चाचा ने बताया कि वह आखिरी बार अपने गांव थल सेना अध्यक्ष बनने के बाद अप्रैल 2018 में आए थे जहां वह कुछ समय ठहर कर उसी दिन वापस चले गए थे। उन्होंने बताया कि बिपिन गरीबों के प्रति बड़े दयालु थे और बार बार उनसे कहते थे कि सेवानिवृत्त होने के बाद वह अपने क्षेत्र के गरीबों के लिए कुछ करेंगे ताकि उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके।
