मुंबई से सटे गोराई-उत्तन क्षेत्र में विकसित किए जाने वाले विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) के निर्माण से पहले ही विवाद शुरू हो गया है।
गोराई-उत्तन क्षेत्र में प्रस्तावित सेज बनता है, तो यह भारत का पहला इंटरटेनमेंट जोन होगा। इसमें विदेशी पर्यटकों के लिए समुद्री क्रीड़ा और बोटिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
सेज का विरोध कर रही धारावी बेट बचाव समिति के अध्यक्ष जोसेफ गोनसाल्वेज का कहना है कि सेज स्थापित किए जाने की घोषणा होने के बाद से आस-पास के लोगों को आजीविका छिन जाने का डर सता रहा है। हालांकि एसेल वर्ल्ड के कारपोरेट मामलों के उपाध्यक्ष नीलेश मिस्त्री इलाके में संघर्ष की नौबत आने की संभावना से इनकार करते हैं।
मिस्त्री का कहना है कि हम गोराई-उत्तन को लास वेगस और डिज्नीलैंड की तर्ज पर विकसित कर इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय करना चाहते हैं। एसेल वर्ल्ड से संबद्ध पैन इंडिया पर्यटन लिमिटिड (पीआईपीएल) को इस सेज को विकसित करना है।
गोनसाल्वेज ने बताया कि मुर्धा, राईं, मोर्वा, डोंगरी, तारोडी, चौक, पाली, उत्तना, गोराई और मनोरी गांव प्रस्तावित सेज के अंतर्गत आएंगे। इन गांवों की कुल जमीन 5,740 हेक्टेयर है, जिसमें 3,300 हेक्टेयर जमीन सरकार अपनी बता रही है, बाकी 2,440 हेक्टेयर जमीन मछुआरों की है। विवाद की जड़ इसी सरकारी जमीन को लेकर है।