देश की कुल वयस्क आबादी में दो तिहाई लोगों को कोविड-19 से बचाव के टीके की पहली खुराक लग चुकी है। करीब एक चौथाई या 23 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिन्हें टीके की दोनों खुराक लग चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में इस वर्ष मई से अब तक टीकों की कुल खुराक का 6 प्रतिशत हिस्सा ही निजी अस्पतालों में लगाया गया।
सरकार ने 21 जून को राष्टï्रीय टीकाकरण नीति में संशोधन किया था और देश में टीके की कुल खुराक का 25 प्रतिशत हिस्सा निजी अस्पतालों को बेचने की अनुमति दी थी। सरकारी केंद्रों पर टीके नि:शुल्क लगने की शुरुआत होने के बाद निजी अस्पतालों ने कहा था कि उनके पास भुगतान कर काफी कम संख्या में टीके लगवाने लोग आ रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल में ही स्पष्टï किया था कि निजी अस्पतालों के लिए टीकों की खुराक विशेष रूप से आरक्षित नहीं की गई है और 25 प्रतिशत आवंटन महज एक मोटा आंकड़ा था। मंत्रालय ने कहा कि निजी अस्पतालों में इस्तेमाल नहीं होने वाली खुराक सरकार खरीद रही है।
देश में हिमाचल प्रदेश, गोवा, लक्षद्वीप, अंडमान एवं निकोबार, चंडीगढ़ और सिक्किम ऐसे राज्य हैं जहां पूरी आबादी को टीके की कम से एक खुराक लग चुकी है।
देश में इस समय 62,900 से अधिक सरकारी केंद्रों पर लोगों को नि:शुल्क टीके लगाए जा रहे हैं। कोविन डैशबोर्ड के अनुसार देश में केवल 3,200 निजी केंद्र हैं जहां टीके लगाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि देश में संक्रमण के मामले जरूर कम हो रहे हैं मगर जितनी तेजी से कमी आनी चाहिए थी वह नहीं आई है। इस समय देश में 33 ऐसे जिले हैं जहां लोगों के संक्रमित होने की साप्ताहिक दर 10 प्रतिशत से अधिक है। इनमें 13 जिले केरल के हैं। 22 सितंबर तक भारत में रोजाना औसत टीकाकरण की संख्या 81 लाख खुराक से अधिक रही है।
आगामी त्योहारों को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को विशेष निर्देश जारी किए हैं। मंत्रालय ने सभी राज्यों को कंटेनमेंट जोन और 5 प्रतिशत से अधिक संक्रमण दर वाले जिलों में लोगों की भीड़ जुटने से रोकने के कदम उठाने के लिए का है।
मंत्रालय ने कहा कि जिन जिलों में संक्रमण दर 5 प्रतिशत से कम है वहां भी प्रशासन से अग्रिम अनुमति के बाद सीमित संख्या में लोगों के एकत्र होने की इजाजत दी जाएगी।
विदेशी टीका कंपनियों मॉडर्ना और फाइजर को उनके टीकों के दुष्प्रभाव दिखने की स्थिति में कानूनी बचाव दिए जाने के विषय पर नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने कहा कि टीकों की पर्याप्त आपूर्ति के लिए सरकार सभी उपायों पर विचार कर रही है। पॉल ने कहा, ‘विदेशी टीका कंपनियों के साथ बातचीत चल रही है। हम सभी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए व्यापक स्तर पर ध्यान दे रहे हैं।’
दिव्यांगों को घर पर लगेगा टीका
सरकार ने कहा है कि दिव्यांग लोगों तथा चलने-फिरने में असमर्थ लोगों को उनके घर पर ही कोविड-19 के टीके लगाए जाएंगे। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि देश में कोविड-19 की दूसरी लहर अब भी जारी है, भले ही रोजाना नए मामलों में कमी आ रही है। उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते सामने आए संक्रमण के कुल मामलों में 62.73 फीसदी केरल में दर्ज हुए थे। केरल एकमात्र ऐसा राज्य है जहां उपचाराधीन मरीजों की संख्या एक लाख से अधिक है। अधिकारियों ने कहा कि देश में 33 जिलों में फिलहाल संक्रमण दर 10 फीसदी से अधिक है, जबकि 23 जिलों में संक्रमण दर पांच से 10 फीसदी के बीच हैं। स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि देश में कई ऐसे लोग हैं जो टीका केंद्रों तक पहुंचने में असमर्थ हैं। उन्होंने राज्यों को निर्देश दिया कि ऐसे लोगों को उनके घरों पर ही टीके लगाने का इंतजाम होगा।