इस्पात बनाने वाली कंपनी टाटा स्टील और जेएसपीएल ने गुरुवार को कहा कि मेडिकल ऑक्सीजन को स्टील कारखानों से अस्पतालों तक पहुंचाने में परिवहन से जुड़ी समस्याएं आ रही हैं। दोनों कंपनियों ने कहा कि वे दैनिक ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (आरआईएनएल) ने भी कहा कि वह कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिये राज्यों को तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने पर गौर कर रही है। टाटा स्टील के प्रवक्ता ने कहा कि भारत सरकार ने एक समिति गठित की है जो देश के इस्पात कारखानों में उपलब्ध भंडार, उत्पादन और खपत की स्थिति की समीक्षा कर रही है। उसने अपने सभी इस्पात कारखानों से तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति विभिन्न राज्यों को की है। टीटा स्टील ने उम्मीद जतायी कि जल्दी ही परिवहन संबंधी समस्याएं सुलझा ली जाएंगी और जरूरी मात्रा में ऑक्सीजन गंतव्यों तक पहुंच पाएगा। प्रवक्ता के अनुसार कंपनी वैकल्पिक स्रोतों पर भी काम कर रही है। जेएसपीएल के प्रबंध निदेशक वी आर शर्मा ने भी कहा कि कारखानों से ऑक्सीजन के परिवहन को लेकर ‘लॉजिस्टिक’ समस्या बनी हुई है। उन्होंने कहा कि टैंकर उपलब्ध नहीं है। देश में टैंकरों के नबर ‘ट्रैक’ करने की जरूरत है ताकि उन्हें ऑक्सीजन के परिवहन के काम में लगाया जा सके। शर्मा ने कहा, ‘हमारे पास 500 टन तरल चिकित्सा ऑक्सीजन है। हम उसे भेजेंगे।’ जेएसपीएल जो दैनिक आपूर्ति कर रही है, यह उसके अलावा है। सार्वजनिक क्षेत्र की आरआईएनएल ने कहा कि कंपनी रोजाना आंध्र प्रदेश और आसपास के राज्यों को 100 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रही है। सेल ने ट्विटर पर लिखा है कि वह औसतन प्रतिदिन 600 टल तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रही है। यह किसी भी इस्पात संयंत्र की आपूर्ति के मुकाबले सर्वाधिक है।
वेदांत ने ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाई
वेदांत समूह ने गुरुवार को कहा कि समूह की कंपनियां हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (एचजेडएल) और ईएसएल वेदांत केयर्स पहल के तहत कोविड-19 मरीजों के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने के लिए पहल की हैं। कंपनी ने एक बयान में यह जानकारी दी। एचजेडएल ने उदयपुर स्वास्थ्य प्रशासन को 1,500 लीटर औद्योगिक ऑक्सीजन की आपूर्ति की है। वेदांत समूह की स्टील बनाने वाली कंपनी ईएसएल ने बोकारो के समीप अपने संयंत्र को तरल चिकित्सा ऑक्सीजन के लिए पंजीकृत किया है। इसके अलावा, वेदांत जहां भी काम कर रही है वहां अस्पताल और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करा रही है।
बीना रिफाइनरी की पहल
बीना रिफाइनरी ने कोविड-19 के मरीजों के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति करने का फैसला किया है। इसके अलावा रिफाइनरी ने मध्य प्रदेश के सागर जिले में अपने संयंत्र स्थल के पास 1,000 बिस्तरों का अस्थायी अस्पताल बनाने का भी फैसला किया है। राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को कहा था कि बीना रिफाइनरी मरीजों के लिए ऑक्सीजन उपलब्ध कराने को तैयार है। राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि ऑक्सीजन कहीं ले जाना नहींं पड़े इसके लिए रिफाइनरी ने अपने संयंत्र के पास ही 1,000 बेड का अस्थायी अस्पताल बनाना शुरू कर दिया है। भाषा
‘दिल्ली के अस्पतालों तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं ऑक्सीजन’
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को पत्र लिखकर गुरुवार को आरोप लगाया कि ऑक्सीजन लेकर आने वाले टैंकर दिल्ली के अस्पतालों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं क्योंकि उत्तर प्रदेश और हरियाणा में पुलिस/प्रशासन उन्हें रोक रहा है। सिसोदिया ने एक पत्र में कहा, ‘उत्तर प्रदेश और हरियाणा में पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी ऑक्सीजन ले कर आने वाले टैंकरों को रोक रहे हैं और उन्हें समय पर दिल्ली के अस्पतालों में पहुंचने में देरी कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली को मिला ऑक्सीजन का कोटा बिना देरी के गंतव्य पर पहुंचना सुनिश्चित करें ताकि मरीजों की जीवन रक्षा की जा सके।’
गंभीर मरीजों के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति
कोविड मरीजों के लिए समर्पित सरोज सुपर स्पेशलिटी अस्पताल ने गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि याचिका दायर करने के तुरंत बाद उसे गंभीर रूप से बीमार रोगियों के इलाज के लिए एक ऑक्सीजन टैंकर मिला है। अस्पताल के वकील ने शाम 6:30 बजे न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली के पीठ को सूचित किया कि यह ऑक्सीजन स्टॉक अगले 30 से 40 घंटे चलेगा और अब वह अधिक कोविड रोगियों का इलाज कर सकेगा। अदालत इस याचिका पर 26 अप्रैल को आगे सुनवाई करेगी।
इससे पहले दिन में अस्पताल ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और गंभीर रूप से बीमार रोगियों के लिए ऑक्सीजन की तत्काल आपूर्ति की खातिर निर्देश देने का अनुरोध किया। वकील प्रभसहाय कौर ने कहा कि अस्पताल पश्चिम विहार के श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट की भी कोशिश और सहायता करेगा। वहां भी ऑक्सीजन की कमी महसूस की जा रही है। पीठ ने सरोज अस्पताल के इस कदम की सराहना की। पीठ ने श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट के वकील से ऑक्सीजन आपूर्ति से संबंधित चिंताओं को लेकर दिल्ली सरकार के नोडल अधिकारी से संपर्क करने को कहा। रोहिणी स्थित अस्पताल की याचिका में केंद्र, दिल्ली सरकार और दिल्ली में अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाली कंपनी आईनॉक्स को तुरंत 3000 क्यूबिक मीटर ऑक्सीजन की आपूर्ति करने तथा मौजूदा कोविड 19 लहर के दौरान रोज इसे कायम रखने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। भाषा