कुशीनगर में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट और बौद्ध सर्किट के विकास की परियोजना के लिए कंसल्टेंसी सेवा प्रदान करने की दौड़ में इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (आईएल एंड एफएस) भी शामिल हो गई है।
राज्य सरकार ने प्रस्तावित परियोजना की कंसल्टेंसी प्राप्त करने के लिए बड़ी कंपनियों से बोली आमंत्रित की थी, जिसके तहत आईएल एंड एफएस सहित तीन कंपनियों ने अपने कागजात सरकार को सौंप दिए हैं।एक आधिकारिक सूत्र ने बिानेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘तकनीक और वित्तीय बोली शुरू हो चुकी है और इनका मूल्यांकन किया जा रहा है।’
पिछले महीने उत्तर प्रदेश सरकार ने विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाने में रुचि रखने वाली कंपनियों के लिए बोली की शर्तों और नियमों में संशोधन किया था। इसके तहत बोली दस्तावेज और छूट संधि में भी संशोधन किए गए। इस पूरी प्रक्रिया को डिजाइन करो, बनाओ, वित्त प्रदान करो, चलाओ और बेचो (डीबीएफओटी) के आधार पर तैयार करने की बात कही गई थी।
लेकिन जब इस बाबत एक ही कंपनी आईएल ऐंड एफएस ने ही अपनी रुचि दिखाई, तो सरकार ने बोली शर्तों को थोड़ा संशोधित किया, ताकि ज्यादा से ज्यादा कंपनियों को आकर्षित किया जा सके। मजेदार बात तो यह है कि अन्य दो कंपनियों के नाम के खुलासे को लेकर विभाग काफी गोपनीयता बनाए हुए है और इस संबंध में यह कर रही है कि अभी मूल्यांकन का दौर चल रहा है।
राज्य पर्यटन निदेशक सुशील कुमार ने कहा, यह परियोजना चूंकि अंतरराष्ट्रीय है, इसलिए भारतीय कंपनी को किसी विदेशी कंपनी के साथ मिलकर ही बोली में भाग लेना है। कुछ कंपनियों ने इस बाबत कुछ समय की मांग की है, ताकि विदेशी कंपनियों के साथ गठजोड़ बनाने के बाद बोली में हिस्सा लिया जा सके।
राज्य सरकार ने कुशीनगर एयरपोर्ट के लिए पहले हीं 160 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण कर लिया है। कंसल्टेट की रिपोर्ट के आधार पर आगे और अधिक भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। प्रस्तावित एयरपोर्ट से जापान, म्यांमार, कोरिया, चीन, थाइलैंड, भूटान और श्रीलंका को कुशीनगर से सीधे जोड़ पाना संभव हो पाएगा।
कुशीनगर में प्रस्तावित हवाई अड्डे की कंसल्टेंसी के लिए तीन कंपनियों ने दिर्खाई रुचि
तकनीकी और वित्तीय बोली का किया जा रहा है
मूल्यांकन सरकार पहले ही कर चुकी है 160 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण